नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार में परीक्षाओं की पवित्रता को कलंकित करने वाले मास्टरमाइंड संजीव उर्फ लूटन मुखिया के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। NEET पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की गिरफ्तारी पर लगी रोक को कोर्ट ने हटा दिया है। इसके बाद अब उसकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि परीक्षा माफिया के खिलाफ कार्रवाई अब और तेज होगी। इस मामले में जो भी शख्स दोषी पाया जाएगा, उसकी पूरी संपत्ति की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उसे जब्त भी किया जाएगा। इसके साथ ही दोषियों को 10 साल तक की सजा और 1 से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
आर्थिक अपराध इकाई ने स्पष्ट किया कि सिर्फ व्यक्ति विशेष ही नहीं, बल्कि कोई भी परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी या परीक्षा केंद्र यदि इस मामले में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोषी संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने और उनकी मान्यता रद्द करने जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे।
संजीव मुखिया ने परीक्षा लीक और छात्रों को अनुचित तरीके से प्रवेश दिलाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। इसमें कई स्तरों पर लोग शामिल थे। जो पैसे लेकर छात्रों को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराते थे। यह गिरोह राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय परीक्षाओं को प्रभावित करने के लिए बदनाम था।
यह मामला बिहार की शिक्षा प्रणाली और परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। EOU के इस कड़े कदम को शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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