बेन (रामवतार)। राजस्व कर्मचारियों के कार्यालय में दलालों का जमाबड़ा कम नहीं हो पा रहा है। जबकि इस संबंध में पिछले वर्ष व महीने में अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, जिलाधिकारी नालंदा एवं मुख्यमंत्री बिहार को साक्ष्य के साथ आवेदन देकर दलालों पर कानूनी कारवाई करने व बेन अंचल को दलालों से मुक्त कराने की मांग की गई।
लेकिन अबतक कारवाई नहीं होने के कारण दलाल सक्रिय होकर राजस्व कर्मचारी के कार्यालय में बैठकर नित्य दिन काम निपटाने में लगे हैं और मोटी रकम की बसूली की जा रही है।
राजस्व कर्मचारी कार्यालय में हस्ताक्षर को छोड़कर सभी काम दलाल हीं करते हैं। जितना रिपोर्ट होता है उसे भरना, जांच करना, दाखिल खारिज के बाद रजिस्टर पर नया जमाबंदी कायम करना, जमाबंदी घटाना सहित सभी काम इन्हीं दलालों के द्वारा किया जाता है।
इस रिपोर्टर ने गुरुवार को जब बेन अंचल के राजस्व कर्मचारी के कार्यालय की पड़ताल की तो वहाँ काम करते जितेन्द्र कुमार नामक दलाल हीं नजर आए। मतलब कि राजस्व कर्मचारी रहे या ना रहे। जहाँ बैठकर राजस्व कर्मचारी के अटर्नी काम करते हैं।
★ बगैर रुपये दिये नहीं होता काम: जमीन से संबंधित किसी तरह के कार्य राजस्व कर्मचारियों से कराना है तो उनके द्वारा नियुक्त किए गए दलाल से मिलना होगा। वहीं बतलाएगें कि कितना खर्च लगेगा।
अगर उनके कथनानुसार रुपये दे देते हैं तो काम जल्द हो जाएगा अन्यथा भूस्वामी का कार्य कोई न कोई कारण लगाकर ठंढे बस्ते में डाल दिया जाएगा। राजस्व कर्मचारियों के मनमानी की वजह से भूस्वामी को लाभ नहीं मिल रहा है।
सूत्रों ने कहा कि बगैर सलामी दिए भूस्वामी का दाखिल खारिज नहीं हो पाता। इस तरह की शिकायतें किए जानें के बाद भी अनाधिकृत व्यक्तियों पर कारवाई क्यों नहीं होती। क्या इस व्यवस्था में राजस्व कर्मचारी के साथ अधिकारी भी तो सम्मिलित नहीं होते? दलाल काम कराने की बात कह भूस्वामी से मोटी रकम की उगाही करते हैं।