अन्य
    Thursday, December 26, 2024
    अन्य

      बिहार के शिक्षकों को अब मिलेंगे आई-कार्ड और क्यूआर कोड

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात, हर शनिवार’ कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों और छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उनमें सबसे बड़ी घोषणा यह है कि अब राज्य के सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति फोटो के साथ दर्ज की जाएगी। इस नई प्रणाली का उद्देश्य शिक्षकों की उपस्थिति को पारदर्शी और सटीक बनाना है, ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके।

      बकौल डॉ. एस. सिद्धार्थ, शिक्षा विभाग अब ऐसी प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसमें शिक्षकों का अटेंडेंस उनके फोटो के साथ दर्ज किया जाएगा। शिक्षकों को आई-कार्ड और क्यूआर कोड दिए जाएंगे, जिन्हें वे स्कूल में आते समय स्कैन करेंगे। इसके साथ ही उनकी उपस्थिति की पुष्टि एक फोटो के माध्यम से होगी। यह कदम विभाग द्वारा शिक्षकों की अनुशासन और उपस्थिति की निगरानी के लिए उठाया जा रहा है, जिससे शिक्षकों की उपस्थिति सटीक रूप से रिकॉर्ड की जा सकेगी और गैरहाजिर शिक्षकों पर कार्रवाई की जा सकेगी।

      डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षा विभाग छात्रों को स्किल ट्रेनिंग से जोड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी महीने के अंत तक राज्य के स्कूलों को निकटवर्ती इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थानों से जोड़ा जाएगा। इसके तहत कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों को विशेष कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे भविष्य में व्यावसायिक शिक्षा के लिए तैयार हो सकें। इस पहल से छात्रों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल और तकनीकी कौशल भी विकसित करने का अवसर मिलेगा।

      उन्होंने यह भी घोषणा की है कि राज्य के सभी स्कूलों में वॉल पेंटिंग का काम किया जाएगा। स्कूल की दीवारों पर शिक्षा, नैतिकता और महापुरुषों के अनमोल विचारों से संबंधित पेंटिंग्स बनाई जाएंगी। इन पेंटिंग्स में छात्रों को प्रेरित करने वाले स्लोगन भी होंगे। प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग पेंटिंग्स बनाई जाएंगी, जो विद्यार्थियों के मानसिक और शैक्षणिक विकास में सहायक होंगी।

      डॉ. एस. सिद्धार्थ के अनुसार शिक्षकों के लिए स्कूल टाइमिंग में भी फ्लेक्सिबल टाइमिंग का प्रावधान किया जाएगा। जिन स्कूलों में कक्षाएं कम हैं, वहां के हेडमास्टर शिक्षकों के लिए समय-सारिणी तय करेंगे। ताकि स्कूल का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा सके।

      इसके अलावा अगले साल से सरकार बच्चों को पोशाक, किताब और बैग की राशि एक साथ देगी। ताकि स्कूल के पहले दिन से ही बच्चों के पास नई पोशाक, किताबें और बैग हों। इससे वे निजी स्कूलों के बच्चों की तरह सुसज्जित होकर शिक्षा ग्रहण कर सकें।

      उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में प्रतिदिन एक घंटे का समय खेल, पेंटिंग और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिए निर्धारित किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना है, ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। इस समय में छात्रों को खेल, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। जिससे उनका आत्मविश्वास और रचनात्मकता बढ़ेगी।

      डॉ. सिद्धार्थ ने शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि कई जगहों पर सफाई कर्मियों को नियमित रूप से भुगतान न होने के कारण सफाई का काम सही ढंग से नहीं हो पाता। इसके समाधान के लिए विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाई कर्मियों को समय पर भुगतान हो, ताकि विद्यालयों की स्वच्छता व्यवस्था में कोई बाधा न आए।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      Wildlife and nature zoo safari park in Rajgir, Nalanda, Bihar, India Bihar Sharif covered with red flags regarding Deepnagar garbage dumping yard in nalanda बिहारशरीफ नगर का रमणीक स्थान हिरण्य पर्वत जानें राजगीर ब्रह्म कुंड का अद्भुत रहस्य