बिहारशीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ सदर अस्पताल में बच्चों के टीकाकरण के दौरान लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां टीकाकरण की प्रक्रिया अब युविन सॉफ्टवेयर पर निर्भर है। जहां ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मिलने के बाद ही बच्चों को टीका लगाया जाता है। लेकिन सर्वर के बार-बार फेल होने से यह प्रक्रिया और भी जटिल हो जाती है। जिसके कारण बच्चों और महिलाओं को 2-3 घंटे तक अस्पताल में इंतजार करना पड़ता है।
अस्पताल में टीकाकरण के लिए पहले पर्ची काउंटर पर लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। जहां पर्चा मिलने के बाद टीकाकरण केंद्र पर नाम दर्ज किया जाता है। जिनके पास टीकाकरण कार्ड नहीं होता। उन्हें कार्ड बनवाना पड़ता है, जो एक और लंबी प्रक्रिया है।
इसके बाद बच्चे का पूरा विवरण युविन सॉफ्टवेयर में डाला जाता है और दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाता है। सर्वर की धीमी गति या डाउन रहने पर ओटीपी मिलने में काफी समय लग सकता है और इस दौरान महिलाओं और बच्चों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि पहले पर्चा लेने में ही लंबा समय लगता है और फिर ओटीपी का इंतजार करना पड़ता है। जिसके कारण वे कई बार घंटों अस्पताल में फंसी रहती हैं। एक महिला ने बताया, “हमने टीकाकरण के लिए जो समय सोचा था, उससे दोगुना समय यहां बर्बाद होता है।”
सदर अस्पताल प्रबंधक कुणाल कुमार ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए बताया कि विभाग द्वारा इस प्रक्रिया के निर्देश दिए गए हैं और भीड़ अधिक होने पर अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया जाता है। हालांकि कभी-कभी स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपलब्धता के कारण परेशानी बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वर के धीमे चलने या फेल होने पर समस्या और बढ़ जाती है।
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