Home चुनाव निर्वाचन प्राधिकार ने नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक को लगाई फटकार

निर्वाचन प्राधिकार ने नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक को लगाई फटकार

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Election Authority reprimanded the director of Nalanda Central Co-operative Bank
Election Authority reprimanded the director of Nalanda Central Co-operative Bank

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। अंततः नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह को एक विवादास्पद निर्देश वापस लेना पड़ा। जिसमें उन्होंने पैक्स निर्वाचन में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को बैंक से नोड्यूज प्रमाणपत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया था।

यह आदेश जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि नोड्यूज प्रमाणपत्र के बिना किसी भी अभ्यर्थी का नामांकन स्वीकार न किया जाए।

हालांकि, यह निर्देश बवाल का कारण बन गया। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा संचालित पैक्स चुनावों में बैंक की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए। नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार चन्द्रा ने इसे चुनाव प्राधिकरण के निर्देशों के प्रतिकूल बताते हुए कहा कि बैंक का पैक्स चुनाव में कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी सदस्य के खिलाफ बैंक का ऋण बकाया है तो उसे मतदाता प्रारूप में पहले ही उल्लेखित किया जाना चाहिए था। इसके बावजूद अगर कोई आपत्ति होती है तो निर्वाचन अधिकारी द्वारा उसकी जांच और समीक्षा की जा सकती है।

मामला उस समय गंभीर हो गया, जब निर्वाचन प्राधिकरण ने इस आदेश पर नाराजगी जताई और प्रबंध निदेशक को निर्देश वापस लेने के लिए कहा। चुनाव आयोग के हस्तक्षेप और विभिन्न अभ्यर्थियों की नाराजगी को देखते हुए जितेंद्र कुमार सिंह ने अपना आदेश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।

इस संदर्भ में अमरेन्द्र कुमार चन्द्रा ने कहा, “इस प्रकार के आदेश से उम्मीदवारों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी, जो चुनावी प्रक्रिया के लिए उचित नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय पटना ने भी इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिनका पालन किया जाना चाहिए।”

इस घटनाक्रम ने न केवल चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्न उठाए हैं, बल्कि प्रशासनिक निर्णयों की विश्वसनीयता और उनके प्रभाव को भी सवालों के घेरे में ला दिया है।

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