बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के बिहारशरीफ अंचल के सीओ प्रभात रंजन के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच शुरू हो गई है। जिला समाहर्ता शशांक शुभंकर ने इन आरोपों की जांच के आदेश अपर समाहर्ता मंजीत कुमार को दिए हैं।
इसके साथ ही एडीएम ने स्थानीय डीसीएलआर राजश्री ऐश्वर्या को भी जांच का निर्देश दिया है। डीसीएलआर के आदेश पर कमरूद्दीनगंज मोहल्ला निवासी शिकायतकर्ता अरुण कुमार मयंक (वरिष्ठ पत्रकार) ने मामले से संबंधित साक्ष्य और कागजात की प्रतियां जांच समिति के समक्ष जमा कर दी हैं। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होनी है।
शिकायतकर्ता ने 19 सितंबर को जिला समाहर्ता के कार्यालय में एक शिकायत पत्र दायर किया था। इसमें उन्होंने सीओ प्रभात रंजन और राजस्व कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायत के अनुसार उनकी दादी इंद्रावती देवी ने बिहारशरीफ भैंसासुर मौजा में 16.25 डिसमिल जमीन खरीदी थी। जिसका म्युटेशन भी कराया गया और जमाबंदी भी दर्ज हुई। पुराने मूल रजिस्टर (रजिस्टर-2) में इस जमीन की सही मात्रा दर्ज थी।
लेकिन हाल ही में जमाबंदी से 1 डिसमिल जमीन अचानक गायब कर दी गई। जबकि परिवार के किसी सदस्य ने यह जमीन बेची नहीं थी। अब ऑनलाइन रजिस्टर में केवल 15.25 डिसमिल जमीन ही दिख रही है।
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