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CM नीतीश की ड्रीम प्रोजेक्ट कन्हैयागंज झूला क्लस्टर पर 10 साल से लगा है ग्रहण

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CM Nitish's dream project Jhula Cluster has been eclipsed for 10 years
CM Nitish's dream project Jhula Cluster has been eclipsed for 10 years

इस महत्वाकांक्षी परियोजना का भविष्य सरकार, उद्यमियों और स्थानीय प्रशासन के सामूहिक प्रयासों पर निर्भर है। यदि समय रहते सभी बाधाओं को दूर कर लिया जाए तो यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है

एकंगरसराय (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कन्हैयागंज गांव में स्थापित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्वाकांक्षी ड्रीम प्रोजेक्ट झूला क्लस्टर बीते दस वर्षों से अपनी पूर्ण शुरुआत का इंतजार कर रहा है। यह प्रोजेक्ट झूला निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने के लिए एक बड़ा कदम था। लेकिन कई बाधाओं के कारण इसे अब तक चालू नहीं किया जा सका है।

करीब चार करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसके तहत अत्याधुनिक मशीनें स्थापित की गईं, जो गुणवत्ता वाले झूलों का उत्पादन कर देश-विदेश में निर्यात कर सकती थीं।

सरकार का लक्ष्य था कि इस परियोजना के माध्यम से तीन साल के भीतर झूला निर्माण उद्योग को नई ऊंचाईयों तक ले जाया जाए और सैकड़ों बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।

हालांकि योजना के 36 सदस्यों में से केवल तीन सदस्य ही अपनी अनिवार्य राशि प्रति सदस्य पांच लाख रुपये जमा करने में असफल रहे। यह प्रावधान परियोजना की वित्तीय आवश्यकताओं का हिस्सा था। लेकिन इसे पूरा न कर पाने के कारण योजना अधर में लटक गई।

इसके अलावा बिजली आपूर्ति की समस्याओं ने भी इस परियोजना की प्रगति में रुकावट डाली। स्थापित की गई अत्याधुनिक मशीनें और अन्य उपकरण समय के साथ धूल और जंग की चपेट में आ गए। जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ा।

क्लस्टर के एक वरीय सदस्य का कहना है कि सरकार और उद्यमी दोनों इस परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं नालंदा जिला उद्योग महाप्रबंधक कहते हैं कि आवश्यक राशि की व्यवस्था जल्द ही की जाएगी और बिजली की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार से मदद की अपील की गई है।

यदि यह परियोजना चालू हो जाती है तो यह न केवल झूला उद्योग को एक नई दिशा देगा। बल्कि जिले के सैकड़ों लोगों के लिए स्वरोजगार का एक बड़ा जरिया भी बनेगा। इसके अलावा यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झूला निर्माण के क्षेत्र में कन्हैयागंज को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

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