अन्य
    Wednesday, March 26, 2025
    अन्य

      Departmental connivance: राजगीर में बिना नक्शा पास धड़ल्ले से हो रहा भवन निर्माण

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार का अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर इन दिनों अवैध निर्माण की चपेट में है। शहर में हर साल सैकड़ों नए मकान बिना नक्शा पास कराए बनाए जा रहे हैं। लेकिन नगर परिषद इस मामले में कोई सख्ती नहीं दिखा रही है। सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर बन रहे इन मकानों से भविष्य में शहरवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

      नियमों के मुताबिक नगर परिषद के अधिसूचित क्षेत्र में मकान बनाने से पहले जमीन का नक्शा पास कराना अनिवार्य है। इसके लिए मकान मालिक को अपनी जमीन की रजिस्ट्री के प्रमाणित दस्तावेज और राजस्व अंचल से दाखिल-खारिज की अद्यतन रसीद जमा करनी होती है। लेकिन राजगीर में इन नियमों को ठेंगा दिखाते हुए मकान, दुकान और होटल जैसे निर्माण कार्य बेरोकटोक चल रहे हैं।

      नगर परिषद की लापरवाही का नतीजा यह है कि शहर में हर साल सैकड़ों ऐसे मकान तैयार हो रहे हैं, जो सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते। विशेषज्ञों का कहना है कि आपात स्थिति जैसे भूकंप या आगजनी में इन मकानों के ढहने का खतरा बना रहता है। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है। नगर पालिका अधिनियम के तहत मकान निर्माण से पहले नक्शा पास कराना जरूरी है। जिसमें मकान के मुख्य दरवाजे के सामने और चारों ओर खाली जमीन छोड़ने का प्रावधान शामिल है। लेकिन राजगीर में अधिकांश निर्माण कार्यों में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

      वहीं बिना नक्शा पास कराए बन रहे मकानों और कॉलोनियों का होल्डिंग टैक्स निर्धारण नहीं हो पा रहा है। जिससे नगर परिषद को हर साल लाखों-करोड़ों रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अनाधिकृत निर्माण के जरिए लोक भूमि पर भी अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। स्थाई दुकानें, मकान और होटल बनाकर सार्वजनिक जमीन को हड़पने का सिलसिला जारी है। जानकारों का मानना है कि अगर जिला प्रशासन इसकी जांच के लिए टीम गठित करे तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

      हैरानी की बात यह है कि नगर परिषद के पास यह डेटा भी उपलब्ध नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों में कितने लोगों ने नक्शा पास कराने के लिए आवेदन दिया। सूत्रों के मुताबिक अगर सभी निर्माण कार्यों के लिए नक्शा पास कराया जाता तो नगर परिषद को भारी राजस्व की प्राप्ति होती। लेकिन विभागीय मिलीभगत के चलते नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

      नगर पालिका अधिनियम के अनुसार बिना नक्शा पास कराए मकान बनाना गैरकानूनी है। अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ टाउन प्लानर और कार्यपालक पदाधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन राजगीर नगर परिषद में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा। अधिकांश लोग बिना किसी रोक-टोक के मकान बना रहे हैं और सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

      जानकारों का कहना है कि यह समस्या केवल लापरवाही की नहीं, बल्कि सुनियोजित मिलीभगत का परिणाम है। उनका मानना है कि अगर प्रशासन सख्ती बरते और नियमों का कड़ाई से पालन करवाए तो न सिर्फ अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, बल्कि नगर परिषद की आय में भी इजाफा होगा। फिलहाल राजगीर के इस अनियोजित विकास ने शहर की खूबसूरती और सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      जुड़ी खबर

      error: Content is protected !!