
राजगीर (नालंदा दर्पण)। पावापुरी रोड और नवादा को रेल संपर्क से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ गया है। पूर्व-मध्य रेलवे ने पावापुरी-नवादा रेललाइन के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
इस 33.5 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के निर्माण पर अनुमानित 1420 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रेलवे बोर्ड से डीपीआर को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जिसके बाद इस रेलमार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्रारंभिक तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
बता दें कि पावापुरी जैन धर्मावलंबियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इसके अलावा पावापुरी में मेडिकल कॉलेज की मौजूदगी भी इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण बनाती है।
इस नए रेलमार्ग के बनने से जैन श्रद्धालुओं को दूर-दराज से आने-जाने में सुविधा होगी। साथ ही यह रेलमार्ग बुद्ध और जैन सर्किट को जोड़ेगा। जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया बाजार मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रेलवे बोर्ड को भेजे गए डीपीआर के अनुसार यह रेलमार्ग पावापुरी रोड से नवादा तक 33.5 किलोमीटर लंबा होगा। जिसमें 17 किलोमीटर हिस्सा नालंदा जिले और 17.5 किलोमीटर हिस्सा नवादा जिले में होगा।
इस परियोजना में तीन 3 स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है। हालांकि आवश्यकतानुसार इनकी संख्या बढ़ सकती है। 6 बड़े और 71 छोटे पुलों का निर्माण होगा। 26 अंडरपास सड़क क्रॉसिंग के लिए बनाए जाएंगे। 2 रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण प्रस्तावित है। रेलमार्ग को 25 टन से अधिक लोड क्षमता के लिए डिज़ाइन किया जाएगा।
वर्तमान में पावापुरी रोड एक हॉल्ट स्टेशन है। लेकिन इस रेलमार्ग के निर्माण के बाद यह जंक्शन का रूप ले लेगा। इसी तरह नवादा स्टेशन भी जंक्शन बन जाएगा।
फिलहाल नालंदा और नवादा जिलों में वर्तमान में तीन रेलखंडों पर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है- बख्तियारपुर-तिलैया, बिहारशरीफ-दनियावां और फतुहा-इसलामपुर। इसके अलावा बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड का निर्माण अंतिम चरण में है। इस नए रेलमार्ग के बनने से क्षेत्रीय रेल नेटवर्क और मजबूत होगा।
पूर्व मध्य रेल के मुख्य अभियंता अनिल कुमार के अनुसार इस रेलखंड के निर्माण से रेलवे की आय में वृद्धि होगी। यह रेलमार्ग नालंदा और नवादा के लोगों को सीधा लाभ पहुंचाएगा। पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सहज, सुलभ और किफायती होगी। साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।









