करायपसुराय (नालंदा दर्पण)। करायपसुराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल इन दिनों बेहाल है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के ज्यादातर समय गायब रहने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के द्वारा लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाए इसे लेकर अस्पतालों को सारी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। आवंटन की कोई कमी नहीं है।
बावजूद इसके करायपसुराय प्रखंड मुख्यालय में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल स्वास्थ्य महकमे से जुड़े अधिकारियों के कारण बेहाल है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ईला मिश्रा पिछले 8 दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रही है, जिसके कारण चिकित्सक भी समय अनुसार अस्पताल में नहीं आते हैं।
बीते शुक्रवार को लगभग 9:00 बजे स्थानीय थाना क्षेत्र के वाह पर गांव निवासी मनोज प्रसाद के 14 वर्षीय पुत्री सविता कुमारी छत की सफाई करने के दौरान छत से नीचे गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गए जिसे परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लेकर आए हुए थे।
उस वक्त ड्यूटी पर वहां तैनात डॉ राकेश कुमार ने उक्त मरीज को कुछ दवाइयां देकर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लिया। अपनी ड्यूटी समाप्त होते ही डॉ राकेश कुमार किसी अन्य चिकित्सक के वहां आने से पहले ही निकल गए।
जबकि नियम यह है कि जब तक उनके जगह पर अन्य चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आते हैं तब तक उन्हें वही रहना होता है। मरीज के परिजन पवन कुमार के द्वारा इस प्रतिनिधि को सूचित करने के बाद जब चिकित्सक से पवन कुमार के मोबाइल के द्वारा इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो चिकित्सक ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं मीडिया वालों से बात नहीं करता हूं। गंभीर गंभीर रूप से जख्मी बच्ची 1 घंटे तक तड़पती रही उसके बाद एक चिकित्सक ड्यूटी पर आए और मरीज का हालचाल जाना।
ग्रामीण सूत्रों के मुताबिक अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ईला मिश्रा ड्यूटी से हमेशा गायब रहती है। इसी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। डॉक्टर इला मिश्रा से जब बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल लगातार बंद पाया गया।
करायपसुराय प्रखंड के जिला पार्षद अजय कुमार, प्रखंड प्रमुख संगीता देवी ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा जिलाधिकारी तथा सिविल सर्जन से चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा कि उनके नियंत्रण में अस्पताल नहीं रहने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि चिकित्सकों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चिकित्सकों को हर हाल में निश्चित समय पर ड्यूटी पर आना ही पड़ेगा।
नालंदा के सिविल सर्जन सुनील कुमार से दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी। हमें चिकित्सा प्रभारी के बारे में भी जानकारी मिली है, निश्चित रूप से करवाई होगी।