एकंगरसराय (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के एकंगरसराय क्षेत्र में फल्गु नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि ने भारी तबाही मचाई है। अहले सुबह नदी के तेज बहाव के कारण मीना बाजार से मंडा जाने वाली मुख्य सड़क पर लाला बिगहा पुल के समीप करीब 50 फीट सड़क ध्वस्त हो गई।
इस घटना ने मंडाछ पंचायत के शिवशंकरपुर, गिरैयापर, फरकुसराय, गोनाई बिगहा, पुलपर, ठिकहिपर, खरजामा समेत कई गांवों को प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह काट दिया है। इन गांवों के खेतों में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। जिससे फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
एकंगरसराय-जहानाबाद मुख्य मार्ग पर मिल्कीपर गांव के पास सड़क पर पानी का तेज बहाव होने के कारण वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। केशोपुर पंचायत के बडाडी और कोरथु के बीच फल्गु नदी का तटबंध टूटने से केशोपुर, जीतन बिगहा, मांसिगपुर, केला बिगहा और सुल्तानपुर जैसे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
बेलदारी बिगहा गांव के दक्षिण में पहले से ही टूटा हुआ तटबंध फिर से खतरे की स्थिति में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि तटबंध की मरम्मत समय पर नहीं हुई, तो बेलदारी बिगहा गांव में भी पानी प्रवेश कर सकता है, जिससे भारी नुकसान होगा।
लाला बिगहा पुल के पास सड़क का टूटना कोई नई बात नहीं है। एक माह पूर्व भी इसी स्थान पर सड़क टूटी थी, और अब शनिवार को फिर वही स्थिति उत्पन्न हुई। ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध की मरम्मत में केवल ऊपरी काम किया जा रहा है, जिसके नीचे पानी का तेज बहाव बना हुआ है। इस लापरवाही के कारण बार-बार सड़क ध्वस्त हो रही है, जिससे गांवों का संपर्क कट रहा है और लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
जिला और प्रखंड प्रशासन के अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए कई दिशा-निर्देश दिए। हालांकि सबसे बड़ी चुनौती मवेशियों के लिए चारे और दवाइयों की व्यवस्था है। ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल चारा, दवाइयां और अन्य आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है।
बेलदारी बिगहा के पास तटबंध की मरम्मत में नीचे ईंट और पत्थर डालने से पानी का तेज बहाव बना हुआ है। ग्रामीण इस पर पैनी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यदि तटबंध फिर से टूटता है तो आसपास के गांवों में भारी तबाही मच सकती है। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
फल्गु नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की आशंका बढ़ गई है। खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हो रहा है और मवेशियों के लिए चारे की कमी एक बड़ी समस्या बन रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और बदतर हो सकती है।
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और राहत कार्यों को तेज करने का आश्वासन दिया है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि तटबंधों की मजबूती और सड़कों की मरम्मत के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है।









