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हिलसा में फिर बाढ़ः दर्जनों गांवों में सड़कें क्षतिग्रस्त, फसलें नष्ट, लोग तबाह

हिलसा (नालंदा दर्पण)। झारखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद हिलसा प्रखंड क्षेत्र में लोकायन नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने से भारी तबाही मच गई है। धुरी बिगहा गांव के समीप तटबंध में लगभग 40 फुट का कटाव होने से हिलसा प्रखंड के धुरी बिगहा, छियासठ बिगहा, फुलवरिया, लक्कड़ बीघा, कुसेता, डोमना बिगहा, मुरलीगढ़, सोहरापुर, जमुआरा, चमंडी, रसलपुर, गिलानीपुर, हरिहर खंधा, मिर्जापुर, मराची, लुच्चन टोला, बेलदारी बिगहा, चिकसौरा सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन गांवों की गलियों में चार से पांच फुट तक पानी बह रहा है। सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो चुकी है।

छियासठ बिगहा, धुरी बिगहा, और सोहरापुर गांवों के निवासी पिछले तीन दिनों से अपने घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के पानी ने इन गांवों में जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। दर्जनों घरों में पानी घुस चुका है और गलियों में तेज धारा के साथ पानी बह रहा है। रविवार की सुबह जलस्तर में थोड़ी कमी देखी गई थी, लेकिन दोपहर से पानी का स्तर फिर से बढ़ने लगा, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

नए इलाकों जैसे दल्लू बिगहा, चिकसौरा डीह, बरियारपुर, बनवारा, ताड़ापर, सबलपुर वाजितपुर, मराची, मडवा, हरवंशपुर, चकमहद्दीपुर और हसनपुर में भी बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। उत्तर चिकसौरा पंचायत से करायपरशुराय प्रखंड की ओर पानी का तेज बहाव देखा जा रहा है, जिसके कारण सैकड़ों बीघा धान की फसल बर्बाद हो चुकी है।

बाढ़ के तेज बहाव ने क्षेत्र की सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। फुलवरिया-बढ़ही बिगहा मुख्य मार्ग पर बढ़ही बिगहा गांव के पास करीब 20 फुट का कटाव हो गया है। इसी तरह चिकसौरा-चमंडी मुख्य मार्ग पर दामोदरपुर गांव, चिकसौरा-बेलदारी बिगहा मुख्य मार्ग पर बेलदारी बिगहा गांव के 200 मीटर पूरब, चिकसौरा-जमुआरा मुख्य मार्ग पर बजरंगबली मंदिर के समीप और योगीपुर से कोरावा मार्ग पर सोहरापुर गांव के पास सड़कें दो से तीन फुट तक क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

हिलसा-पभेड़ी मार्ग पर चिकसौरा बस स्टैंड के समीप चार जगहों पर सड़क टूट चुकी है, जिसके कारण कई जगहों पर वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद हो गया है, जबकि कुछ जगहों पर भारी वाहनों की आवाजाही रोकी गई है।

सोहरापुर पुल, बेलदारी बिगहा, दामोदरपुर, गिलानीपुर, कुसेता, फुलवरिया, हरवंशपुर, हसनपुर, कोनियापर और चकमहद्दीपुर जैसे गांवों की संपर्क सड़कों पर दो से तीन फुट पानी बह रहा है। अगर रात तक पानी का बहाव इसी तरह जारी रहा तो कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह टूटने की आशंका है। इन गांवों का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग टूट चुका है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन पानी के तेज बहाव और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है। प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि राहत कार्यों की गति को और तेज करने की जरूरत है।

बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन ठप हो गया है, और कई गांवों में बिजली आपूर्ति भी बाधित है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल दौरा कर नुकसान का आकलन किया जाए और प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।

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