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फ्रॉडगिरी पड़ा महंगा: ACS सिद्धार्थ ने सभी DPM-BPM-BRP को हटाया

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से बहाल 61 कर्मियों को एक अप्रैल से सेवामुक्त कर दिया जाएगा। विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ ने वीडियो कांफ्रेंस के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।

यह कर्मी पिछले वर्ष विभिन्न तिथियों में एजेंसियों के माध्यम से बहाल किए गए थे। लेकिन अब विभाग ने इनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है। जिले में एक जिला परियोजना प्रबंधक (DPM), 20 ब्लॉक परियोजना प्रबंधक (BPM) और 40 ब्लॉक संसाधन व्यक्ति (BRP) आउटसोर्सिंग से कार्यरत थे।

शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव के पत्र के अनुसार विद्यालय अनुश्रवण प्रतिवेदनों की समीक्षा में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रविष्ट आंकड़ों और निरीक्षण प्रतिवेदनों में भारी अंतर पाया गया। जिससे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

डीईओ के अनुसार इन कर्मियों की बहाली महलवाला इंटरनेशनल एडुकेयर सर्विसेज और राजू कैटेरर्स नामक आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से की गई थी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च तक ही ली जाएंगी। इसके बाद उन्हें हटाया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार की गड़बड़ियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आउटसोर्सिंग एजेंसियों की कार्यप्रणाली की भी जांच की जाएगी और यदि अनियमितता पाई गई तो संबंधित एजेंसियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

इस कार्रवाई को शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लाने के प्रयासों का हिस्सा बताया जा रहा है। विभाग का कहना है कि अब कर्मियों की बहाली की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं से बचा जा सके।

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