Home खेती-बारी नालंदा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 16 सिंचाई परियोजनाएं मंजूर

नालंदा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 16 सिंचाई परियोजनाएं मंजूर

Good news for the farmers of Nalanda, 16 irrigation projects approved
Good news for the farmers of Nalanda, 16 irrigation projects approved

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत और विकास की नई उम्मीद लेकर आई है। लघु जल संसाधन विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 16 महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।

इन परियोजनाओं पर कुल 3874.661 लाख रुपये की लागत आएगी। जिसका उद्देश्य जिले के आठ प्रखंडों में फैली लगभग 4785 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता को बढ़ाना है। इन योजनाओं के तहत आहर-पईन और पोखरों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा, जिसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे आगामी खरीफ सीजन में किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।

सबसे अधिक परियोजनाएं नगरनौसा प्रखंड में स्वीकृत की गई हैं। यहां पांच परियोजनाओं पर 1186.113 लाख रुपये खर्च होंगे। जो 1388 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करेंगी।

इनमें भोभी पईन, कछियामा पईन, भूतहाखाड़-चिश्तीपुर-मुसहरी-परसडीहा पईन, मुनिअमपुर-हयातपुर पईन और खिरू विगहा-वाजितपुर पईन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से स्थानीय किसानों को पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और फसल उत्पादन में सुधार होगा।

वहीं बिहारशरीफ प्रखंड में दो तालाबों- दीधी तेतरावा तालाब और तेतरावा तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 631.321 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना 310 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई को सुनिश्चित करेगी।

वहीं, करायपरशुराय प्रखंड में डियावां पईन योजना और डियावां तालाब के पुनर्विकास के लिए 287.048 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। जिससे 345 हेक्टेयर भूमि को लाभ मिलेगा।

इन परियोजनाओं के तहत न केवल सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि होगी, बल्कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के लक्ष्यों को भी बल मिलेगा। आहर-पईन और तालाबों के जीर्णोद्धार से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जो भविष्य में जल संकट से निपटने में कारगर साबित होगा।

नालंदा जिले के लिए यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। इन योजनाओं से किसानों को बेहतर उत्पादन का अवसर मिलेगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।

लघु जल संसाधन विभाग ने इन परियोजनाओं को जून 2025 तक पूरा करने की समय-सीमा तय की है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ताकि खरीफ सीजन से पहले किसानों को इसका लाभ मिल सके।

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