बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के सरकारी मध्य स्कूलों में पदोन्नति देकर प्रधानाध्यापकों की पदस्थापना किये जाने का मामला अब रोचक मोड़ ले लिया है। मामले का राजनीतिकरण होने के बाद अब आरडीडीई ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से संचिका मांगी है।
आरोप लगा था कि शिक्षकों को पदोन्नति देकर पदस्थापना में भारी गड़बड़ी हुई है। इस मामले में जांच चल रही है। हालांकि जिला के शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को लेकर प्रधानाध्यापकों की पदस्थापना जरूर हुई है लेकिन यह स्थायी नहीं है।
आरोप यह भी लगा था कि बड़े पैमाने पर पैसा एवं पैरवी के बल पर प्रधानों को दरकिनार कर प्रधानाध्यापक को विद्यालय आवंटित किया गया है। वरीयता सूची को भी नजरअंदाज किया गया है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को लिखित जानकारी दी थी। प्रोन्नति मामले में जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गयी थी।
आरोप यह भी लगाया गया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के पूर्व संध्या पर 15 मार्च 2024 को कनीय शिक्षकों को निकट विद्यालय एवं मनमाने स्थानों पर पदस्थापित किया गया।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने 11 नवंबर 2023 को आरडीडीई एवं डीईओ को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग के कर्मियों एवं शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति, पदस्थापना एवं स्थानांतरण पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया था। बावजूद आदेश को दरकिनार कर बड़ी संख्या में शिक्षकों को एचएम के पद पर पदस्थापना कर दिया गया।
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