भारत ने हीरो एशिया कप जीत वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया

राजगीर (नालंदा दर्पण)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेले गए हीरो एशिया कप 2025 के फाइनल में कोरिया को 4-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया। यह जीत न केवल भारत की हॉकी में बादशाहत की वापसी का प्रतीक है, बल्कि इसने आठ वर्षों के लंबे इंतजार को भी समाप्त कर दिया। इस जीत के साथ भारत ने नीदरलैंड और बेल्जियम में होने वाले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2026 के लिए क्वालीफाई कर लिया। भारत ने आखिरी बार 2017 में ढाका में एशिया कप जीता था।
मैच में भारत के लिए दिलप्रीत सिंह ने दो गोल (28वें और 45वें मिनट), सुखजीत सिंह ने एक गोल (1वां मिनट) और अमित रोहिदास ने एक गोल (50वां मिनट) किया। स्टेडियम में हजारों दर्शकों का उत्साह और स्थानीय समर्थन भारतीय खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। हॉकी इंडिया ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद प्रत्येक खिलाड़ी को ₹3 लाख और सपोर्ट स्टाफ को ₹1.5 लाख का पुरस्कार देने की घोषणा की।
मैच की शुरुआत से ही भारत ने आक्रामक रुख अपनाया। खेल शुरू होने के महज 30 सेकंड के भीतर सुखजीत सिंह ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह के शानदार पास पर एक जोरदार टॉमहॉक शॉट के साथ गोल कर कोरियाई गोलकीपर जाएहान किम को चकमा दे दिया।
पहले क्वार्टर में भारत ने दबदबा बनाए रखा और छह मिनट शेष रहते मनीप सिंह के शॉट पर कोरियाई डिफेंडर द्वारा स्टिक से रोकने के कारण भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। हालांकि जुगराज सिंह का प्रयास जाएहान ने रोक लिया, और भारत यह मौका भुना नहीं पाया।
दूसरे क्वार्टर में कोरिया ने भारत की गति को धीमा करने की कोशिश की। भारतीय मिडफील्डर जुगराज को ग्रीन कार्ड मिला, लेकिन युवा मिडफील्डर राजिंदर सिंह ने 19वें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। कोरिया की समीक्षा के बाद यह प्रयास अस्वीकार कर दिया गया। फिर भी, 28वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत के लंबे पास को संजय ने दिलप्रीत सिंह तक पहुंचाया, जिन्होंने गोलकीपर को चकमा देते हुए गोल कर भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई।
हाफ टाइम के बाद तीसरे क्वार्टर में भारत को संजय के ग्रीन कार्ड के कारण 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा। इसके बावजूद, भारत ने आक्रमण जारी रखा। 45वें मिनट में हरमनप्रीत के पास पर राज कुमार पाल ने शॉट लगाया, जिसे दिलप्रीत ने गोल में तब्दील कर स्कोर 3-0 किया। इसके बाद, अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत की बढ़त को और मजबूत किया।
चौथे क्वार्टर में कोरिया ने पलटवार किया और एक शानदार पेनल्टी कॉर्नर रणनीति के तहत यांग जीहून, ली जंगजुन और सोन दैन के संयोजन से गोल कर स्कोर 4-1 किया। लेकिन भारत ने अपनी रणनीति और एकजुटता को बनाए रखा और अंतिम मिनटों तक कोरिया को कोई और मौका नहीं दिया।
बहरहाल यह जीत भारतीय हॉकी के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि इसने न केवल एशिया कप का खिताब वापस दिलाया, बल्कि विश्व कप 2026 के लिए भारत को क्वालीफाई करने का मौका भी दिया।
कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने मैच के बाद कहा कि यह जीत हमारी कड़ी मेहनत और एकजुटता का नतीजा है। राजगीर की जनता का समर्थन अविस्मरणीय रहा। कोच क्रेग फुल्टन ने भी युवा खिलाड़ियों की तारीफ की और इसे भविष्य के लिए एक मजबूत नींव बताया।
वहीं हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि यह जीत भारतीय हॉकी के स्वर्णिम भविष्य की ओर एक कदम है। हम अपने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को उनके समर्पण के लिए पुरस्कृत करते हैं। यह जीत राजगीर के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि इस क्षेत्र ने पहली बार इतने बड़े हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी की।









