Home खेती-बारी सीएम सात निश्चय-2 के तहत फेल हुआ दुधारू मवेशियों की बीमा योजना

सीएम सात निश्चय-2 के तहत फेल हुआ दुधारू मवेशियों की बीमा योजना

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Insurance scheme for dairy cattle failed under CM's Seven Nischay-2
Insurance scheme for dairy cattle failed under CM's Seven Nischay-2

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में सीएम नीतीश कुमार के ‘सात निश्चय-2’ योजना के तहत शुरू की गई दुधारू मवेशियों की बीमा योजना पशुपालक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी। इसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना था। इस योजना के तहत राज्य सरकार 75 प्रतिशत बीमा राशि वहन कर रही है। इससे पशुपालक किसानों को केवल 25 प्रतिशत यानी लगभग 525 रुपये प्रति मवेशी का भुगतान करना होता है। फिर भी इस योजना के प्रति पशुपालक किसानों की रुचि नगण्य रही है।

बता दें कि नालंदा जिले में फिलहाल तकरीबन साढ़े चार लाख से अधिक दुधारु गाय और भैंसें हैं।  लेकिन अब तक मात्र 150 पशुओं का ही बीमा कराया गया है। जबकि योजना के अंतर्गत एक दुधारू पशु का अधिकतम बीमा 60,000 रुपये तक हो सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को लंपी और गलघोंटू जैसी गंभीर बीमारियों से होने वाली आर्थिक क्षति से बचाना है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं:

  • किसान अधिकतम चार पशुओं का बीमा करा सकता है।
  • प्राथमिकता दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों को दी जाएगी।
  • पशुओं की ईयर टैगिंग की जाएगी, जिसकी सुरक्षा किसान की जिम्मेदारी होगी।
  • केवल स्वस्थ पशुओं का ही बीमा किया जाएगा, जिनके पास पशु चिकित्सक का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र होगा।
  • बीमा के लिए आवेदन dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन किया जा सकता है।

जिला गव्य विकास पदाधिकारी का कहना है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर किसानों में जागरूकता की कमी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। जबकि सरकार का लक्ष्य किसानों को गंभीर बीमारियों और अन्य आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाना है।

इसके बावजूद पशुपालक किसानों की भागीदारी कम होने का कारण जागरूकता की कमी, सरकारी योजनाओं पर भरोसे की कमी और बीमा प्रक्रिया को लेकर जटिलता है। इस विफलता के बाद अब सरकार और प्रशासन के सामने यह चुनौती है कि वे पशुपालक किसानों तक सही जानकारी पहुंचाएं और उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।

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