बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में सॉल्वर गैंग के एक और बड़े कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) के 4,500 पदों पर बहाली के लिए आयोजित परीक्षा को बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने रद्द कर दिया है। रविवार को आयोजित पहली परीक्षा और सोमवार को होने वाली दूसरी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। नई परीक्षा की तिथियां जल्द ही जारी की जाएंगी।
सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश, सेंटरों पर छापेमारीः राज्य स्वास्थ्य समिति ने बताया कि रविवार की परीक्षा के दौरान पटना के 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ियां पाई गईं। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और स्थानीय पुलिस की छापेमारी में सॉल्वर गैंग की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ।
डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के अनुसार परीक्षा केंद्रों पर प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट व्यू एप्लिकेशन के जरिए कंप्यूटर को अनऑथराइज्ड एक्सेस दिया गया था। सॉल्वर गैंग परीक्षा के प्रश्नपत्रों को रियल-टाइम में हल कर उम्मीदवारों को जवाब दे रहे थे।
उन्होंने मीडिया को बताया कि इस मामले में अभी तक 37 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिसमें परीक्षा केंद्र के मालिक और कोऑर्डिनेटर भी शामिल हैं। परीक्षा के दौरान ऑनलाइन जाम के मूल प्रमाण पत्र, इलेक्ट्रॉनिक, एक डिजिटल डिवाइस, कई ATM के डेबिट कार्ड के साथ-साथ कई कार्ड बरामद किए गए हैं। फिलहाल छापेमारी जांच चल रही है।
इन कोचिंग सेंटर पर हुई छापामारीः अयोध्या इंफोसेल रोरो डिजिटल, यूनिवर्स डिजिटल नेटवर्क, ऐसी एम ई इंस्टीट्यूट ऑफ इनफोर्मेंशन, एकम इवोल्यूशन, श्री राम इन्फोटेक, इनफॉर्मेटिक कंप्यूटर एजुकेशन, विस्डम ऑनलाइन एग्जाम सेंटर, वायर ऑनलाइन एग्जाम सेंटर, टेक्नोपार्क ऑनलाइन एग्जामिनेशन, पाटलिपुत्र डिजिटल सेंटर, नितई इन्फोटेक।
आईटी मैनेजर और कोऑर्डिनेटर पर शकः इस गड़बड़ी में परीक्षा केंद्रों के आईटी मैनेजर और एग्जाम कोऑर्डिनेटर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। हिरासत में लिए गए संदिग्धों के चैट और ऑडियो क्लिप से सॉल्वर गैंग के काम करने के तरीके का खुलासा हुआ। पटना के सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर की गई छापेमारी में आर्थिक अपराध इकाई ने 37 संदिग्धों को हिरासत में लिया।
पुलिस और EOU का बड़ा अभियानः आर्थिक अपराध इकाई की ओर से सोमवार को भी 12 स्थानों पर छापेमारी की गई। रविवार को ही पुलिस ने परीक्षा शुरू होने से पहले कई सेंटरों पर छापेमारी की थी। रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर कार्रवाई की गई। पुलिस को कई संदिग्ध चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की पुष्टि हुई।
परीक्षा रद्द, उम्मीदवारों में आक्रोशः परीक्षा रद्द होने के बाद उम्मीदवारों में भारी आक्रोश है। कई उम्मीदवारों ने शिकायत की कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उनका समय और प्रयास बर्बाद हुआ। राज्य स्वास्थ्य समिति ने कहा है कि परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
पुन: परीक्षा और कड़ी निगरानी की तैयारीः स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नई परीक्षा तिथि जल्द घोषित की जाएगी। इस बार परीक्षा के दौरान निगरानी को और सख्त किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचा जा सके। सॉल्वर गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है।
- नूरसराय डायट में माध्यमिक शिक्षकों का 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रारंभ
- बिहार जूनियर इंजीनियर भर्ती: अब तक नालंदा के 9 अभ्यर्थी समेत 21 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले
- बड़ा फैसलाः केके पाठक की व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटे ACS सिद्धार्थ
- अब रोज चलेगी राजगीर-गुरपा और पाटलिपुत्र-झंझारपुर स्पेशल ट्रेन
- हिलसा कोर्ट ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान मामले में सुनाई अनोखी सजा