हिलसा का कुर्मी जमुई में बना कहार,12 साल की शिक्षक की नौकरी, शराब पार्टी ने खोली पोल !

Kurmi of Hilsa became a Kahar in Jamui, worked as a teacher for 12 years, liquor party exposed his secret!
Kurmi of Hilsa became a Kahar in Jamui, worked as a teacher for 12 years, liquor party exposed his secret!

हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग में जाति बदलकर नौकरी पाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नालंदा जिले के हिलसा निवासी सुमन सौरभ पर आरोप है कि उन्होंने कहार जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर जमुई जिले में शिक्षक के पद पर नौकरी प्राप्त की।

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब शराब पार्टी के दौरान उत्पाद विभाग की पुलिस ने 31 मार्च 2024 को उन्हें गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान जब उनकी असली पहचान सामने आई तो पता चला कि उन्होंने झूठे दस्तावेजों के आधार पर 12 साल तक शिक्षक की नौकरी की।

सूत्रों के अनुसार सुमन सौरभ नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के सिपारा वलवापर गांव के निवासी हैं और जाति से कुर्मी समुदाय से आता है। लेकिन जमुई जिले में शिक्षक पद प्राप्त करने के लिए उसने खुद को कहार जाति का दर्शाते हुए फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया।

जमुई के जिस जलखारिया गांव को उन्होंने अपना स्थायी पता बताया। वहां सिर्फ दो ही कहार परिवार रहते हैं और वोटर लिस्ट में उनका नाम तक दर्ज नहीं है। इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

यह मामला तब उजागर हुआ, जब 31 मार्च 2024 को जमुई कार्यालय में शराब पार्टी के दौरान सुमन सौरभ को पुलिस ने पकड़ लिया। जांच में शराब पीने की पुष्टि होने पर जब एफआईआर दर्ज हुई तो उन्होंने अपना नाम राकेश कुमार उर्फ सुमन सौरभ बताया और अपने नालंदा निवासी होने की पुष्टि कर दी।

इसके बाद झाझा थाना क्षेत्र के बरमसिया मोहल्ला निवासी प्रीति कुमारी ने 15 अप्रैल 2024 को जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर पटना और दिल्ली तक शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने जब दस्तावेजों की जांच की तो पुष्टि हुई कि सुमन सौरभ ने नालंदा जिले का निवासी होते हुए भी जमुई जिले में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद पर नौकरी प्राप्त की।

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