Home समस्या मेडिकल वेस्ट प्रबंधनः लापरवाह निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश

मेडिकल वेस्ट प्रबंधनः लापरवाह निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश

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Medical waste management: Instructions for strict action against negligent private health centers
Medical waste management: Instructions for strict action against negligent private health centers

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के निजी स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल वेस्ट प्रबंधन एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। कई स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां मेडिकल कचरे के निपटान में नियमों की अनदेखी की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएस) डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा कि मेडिकल वेस्ट पर बार-कोड प्रणाली लागू की जाएगी। ताकि यह पता चल सके कि किस अस्पताल से कितना कचरा निकल रहा है।

बेतरतीब ढंग से फेंका जा रहा है मेडिकल कचराः अधिकांश निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और अल्ट्रासाउंड केंद्रों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट खुले में फेंक दिया जाता है। इससे आसपास के क्षेत्र प्रदूषित हो रहे हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि मानव और पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रहा है। स्थानीय लोगों ने भी इस समस्या पर बार-बार सवाल उठाए हैं। लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल सका है।

प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने दिए सख्त निर्देशः बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। पर्षद  सदस्य सचिव नीरज नारायण ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों में बार-कोड प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाए। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर अस्पताल से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट सही तरीके से प्रबंधित हो और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

कार्रवाई की चेतावनीः सीएस डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि जो भी निजी स्वास्थ्य केंद्र बार-कोड प्रणाली के तहत अपना निबंधन नहीं कराएंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा। सीएस ने यह भी कहा कि उन स्वास्थ्य संस्थानों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाएगी, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बैठकः प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निर्देशों के बाद नगर आयुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन के लिए सख्त उपायों को लागू करने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब्स और अल्ट्रासाउंड केंद्रों को नोटिस जारी किया जाएगा। जिससे उन्हें तुरंत बार-कोड प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया जा सके।

स्वास्थ्य के लिए खतराः मेडिकल वेस्ट को जहां-तहां फेंकने से आसपास के क्षेत्रों में बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इस समस्या को रोकने के लिए राज्य स्तर पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस बार लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को बख्शा नहीं जाएगा।

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