नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। अपनी नौ सूत्री मांगों के समर्थन में राज्यव्यापी आवाहन पर आशा कार्यकर्ताओं, आशा फैसिलिटेटर, ममता, कुरियर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरनौसा में ताला जड़कर शुक्रवार के दिन आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया।
इस मौके पर उषा कुमारी, बिना कुमारी, दुलारी कुमारी, रंजू कुमारी आदि ने कहा कि आशा प्रसव पीड़ित महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के साथ गांवों में घूम-घूम कर पोलियो, खसरा का टीका लगाती हैं। वहीं टीवी, कुष्ठ आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अस्पताल पहुंचाती हैं। महंगाई लगातार बढ़ते जा रही है, लेकिन हमें मिलनेवाल राशि, जो केंद्र सरकार द्वारा 2005 में निर्धारित की गई वहीं मिल रही है।
उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं से स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी तरह के काम कराए जाते हैं लेकिन वेतन की जगह पारितोषिक दी जाती है। वह भी मात्र 1000 रुपए प्रतिमाह दी जाती है। मांगों में प्रमुख से पारितोषिक की जगह न्यूनतम 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने, स्वास्थ्य कर्मचारी का दर्जा देते हुए समान काम के लिए समान वेतन देने, कोरोना काल और अन्य बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करना आदि मांग हैं। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरा नहीं करेंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कुरियर शशिभूषण कुमार, रवि कुमार, रंजीत कुमार ने बताया कि वैक्सीन कूरियर को 30 दिन का काम दिया जाए और उन्हें 500 रुपये रोजाना की दर से भुगतान किया जाए। साथ ही इनकी दुर्घटना या फिर अन्य कारणों से मौत होने पर चार लाख रुपये का मुआवजा व हरेक कूरियर का 12 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराया जाए। साथ ही हर एक हजार की आबादी पर एक पद स्वीकृत करते हुए इस पर वैक्सीन कूरियर की तैनाती की जाए। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा।
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