“यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करती है कि किशोरों पर मानसिक दबाव और पारिवारिक तनाव किस हद तक बढ़ चुका है। क्या डांट-फटकार के दौरान माता-पिता को बच्चों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए…?
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा थाना क्षेत्र अंतर्गत मुरलीधर चक गांव में 15 वर्षीय किशोरी ज्योति कुमारी की आत्महत्या की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। मृतका रणधीर शर्मा की बेटी थी, जिसने बीते शाम अपनी छत पर बने कमरे में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया।
परिजनों के अनुसार घटना से कुछ समय पहले मां ने किसी घरेलू विवाद के चलते ज्योति को डांटा था। इसके बाद वह छत पर कपड़े उतारने के बहाने गई और काफी देर तक नीचे नहीं लौटी। जब मां उसे देखने छत पर गई, तो कमरे में ज्योति फांसी के फंदे से लटकी हुई पाई गई।
नगरनौसा थानाध्यक्ष के अनुसार प्रारंभिक जांच में घटना के पीछे पारिवारिक तनाव और डांट का कारण सामने आया है। हालांकि स्थानीय लोगों से मिली जानकारी में किशोरी के पड़ोस के एक लड़के से बातचीत करने की बात सामने आई है। जिससे मामला प्रेम प्रसंग का भी प्रतीत होता है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया है। अभी तक परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। मामले की जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों ने बिहारशरीफ सदर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बिजली न होने की वजह से पोस्टमार्टम में काफी देरी हुई। डॉक्टरों को बिजली आने का इंतजार करना पड़ा। जिसके चलते परिजन और अधिक मानसिक तनाव में आ गए।
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