“इस घटना ने नालंदा महिला कॉलेज परिसर में अनुशासन और छात्र-शिक्षक संबंधों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा के मास्क पहनने और इसे लेकर हुए विवाद से कोविड-19 के बाद बदलते सामाजिक व्यवहार पर भी चर्चा शुरू हो गई है…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ नगर अवस्थित नालंदा महिला कॉलेज में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर की एक छात्रा के अभिभावकों ने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया। मामला पूर्व में घटित एक वाक्या से जुड़ा है, जिसमें छात्रा ने कॉलेज कर्मियों और शिक्षिका पर मारपीट का आरोप लगाया था।
छात्रा अक्षरा कुमारी के अभिभावकों के अनुसार फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अक्षरा कॉलेज गई थी। वहां कॉलेज की एक शिक्षिका ने उसे मास्क हटाने के लिए कहा। ताकि रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ चेहरा मिलान किया जा सके। इस दौरान छात्रा और शिक्षिका के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद अक्षरा ने घर लौटकर अपने अभिभावकों को बताया कि उसके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की गई।
अभिभावकों का आरोप है कि इस घटना के कारण अक्षरा गहरे मानसिक तनाव में थी। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से इस मामले पर बात करने की कोशिश की। लेकिन बातचीत के दौरान कॉलेज कर्मियों और अभिभावकों के बीच बहस बढ़ गई। जो देखते ही देखते हिंसक रूप लेने लगी।
घटना की सूचना मिलने पर लहेरी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और मामले की जांच का आश्वासन दिया।
इस विवाद पर कॉलेज की परीक्षा नियंत्रक डॉ. रेणु कुमारी का कहना है कि कॉलेज में डिग्री सेमेस्टर वन की परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही थी। अक्षरा ने रजिस्ट्रेशन नंबर गलत भर दिया था। जब उसे चेहरा मिलान के लिए मास्क उतारने को कहा गया तो उसने शिक्षकों को धमकाना शुरू कर दिया। छात्रा द्वारा लगाए गए मारपीट के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
दूसरी ओर अक्षरा और उसके अभिभावकों का दावा है कि शिक्षकों और कॉलेज कर्मियों के व्यवहार ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। उनका कहना है कि मारपीट की घटना को न केवल अनदेखा किया गया, बल्कि सोमवार को शिकायत दर्ज कराने के दौरान भी उन्हें दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।
फिलहाल पुलिस और कॉलेज प्रशासन दोनों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सभी पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं और साक्ष्यों की पुष्टि की जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के बाद किसे दोषी ठहराया जाएगा और क्या इस घटना से कॉलेज प्रशासन और छात्रों के बीच विश्वास बहाल हो पाएगा।
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