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पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर लगाई रोक, जानें बड़ा असर

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Patna High Court bans transfer posting of teachers, know the major impact
Patna High Court bans transfer posting of teachers, know the major impact

पटना (नालंदा दर्पण)। पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सरकारी शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया पर बड़ा झटका देते हुए अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। इस फैसले से राज्य के करीब 5 लाख शिक्षक प्रभावित हुए हैं। उनकी ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है।

शिक्षकों की अटकी उम्मीदें, सरकार बैकफुट परः बिहार शिक्षा विभाग ने इस साल बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले की योजना बनाई थी, जिसमें अब तक 1.20 लाख से अधिक शिक्षकों ने आवेदन कर दिया था। लेकिन औरंगाबाद के शिक्षक नीरज पांडेय समेत 13 शिक्षकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने फिलहाल इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री का बयानः हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसमें संशोधन किया जाएगा और सक्षमता के पांच मौके के बाद ही ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नई नीति तैयार की जाएगी।

क्या है विवाद? शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है कि पुरुष और महिला शिक्षकों के लिए अलग-अलग चॉइस के विकल्प दिए गए हैं। महिला शिक्षकों को पंचायत स्तर पर चॉइस देने की बात कही गई है, जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए अनुमंडल स्तर पर चॉइस दी गई है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया भेदभावपूर्ण है और सरकार मनमाने ढंग से काम कर रही है। इसके अलावा, नियमों के तहत सही तरीके से आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं, जिससे शिक्षकों में असंतोष फैल रहा है।

दिसंबर में पूरी होनी थी प्रक्रियाः ट्रांसफर पोस्टिंग की इस प्रक्रिया को सरकार ने दिसंबर तक पूरा करने की योजना बनाई थी, ताकि क्रिसमस की छुट्टियों के बाद जब स्कूल फिर से खुलें तो शिक्षक अपने नए स्थानों पर कार्यभार संभाल सकें। इसके लिए आवेदन के बाद शिक्षकों को कैटेगरी के आधार पर विभाजित कर वर्गवार पोस्टिंग की योजना थी।

आगे की राह और कोर्ट का रुखः हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को तीन हफ्तों का समय देते हुए मामले की स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी। इस बीच, सरकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि वह संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षकों की संतुष्टि कैसे हासिल करे।

बहरहाल, हाईकोर्ट के इस स्टे के बाद बिहार सरकार और शिक्षकों के बीच जारी यह गतिरोध अभी और लंबा खिंच सकता है। अब सरकार के संशोधन और अगली नीति पर निर्भर करेगा कि 5 लाख शिक्षकों का भविष्य किस दिशा में जाता है।

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