Home पर्यटन पावापुरी पद्म सरोवर: प्रवासी पक्षियों और अध्यात्म का बना अद्भुत संगम

पावापुरी पद्म सरोवर: प्रवासी पक्षियों और अध्यात्म का बना अद्भुत संगम

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Pavapuri Padma Sarovar A wonderful confluence of migratory birds and spirituality
Pavapuri Padma Sarovar A wonderful confluence of migratory birds and spirituality

पावापुरी (नालंदा दर्पण)। भगवान महावीर की परिनिर्वाण स्थली पावापुरी पद्म सरोवर इस शीत ऋतु में प्रकृति के अद्भुत परिदृश्य में तब्दील हो गया है। यह शांत और सुरम्य जलाशय अब प्रवासी पक्षियों का प्रिय ठिकाना बन चुका है। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, चीन और हिमालयी क्षेत्रों से आने वाले पक्षियों की चहचहाहट ने पर्यावरण में नई ऊर्जा का संचार किया है।

करीब 84 बीघा क्षेत्र में फैला यह सरोवर हर साल सर्दियों के दौरान साइबेरियन क्रेन, पिनटेल, बार-हेडेड गूज और ग्रे हेरॉन जैसे दुर्लभ और सुंदर प्रवासी पक्षियों का स्वागत करता है। पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि यह सरोवर इन पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास बन चुका है। जो यहां की शांत जलवायु, अनुकूल वातावरण और भरपूर जल संसाधनों की वजह से आकर्षित होते हैं।

पद्म सरोवर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि अब यह प्राकृतिक पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां के नीले जल में खिले कमल के फूल और रंग-बिरंगे पक्षियों का संगम दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह स्थान पर्यटकों के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करता है। सरोवर के आसपास सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन निरंतर प्रयासरत हैं।

मंदिर प्रबंधन ने पक्षियों के प्राकृतिक आवास की रक्षा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जैसे सरोवर के पानी की स्वच्छता बनाए रखना और पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करना। साथ ही यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए स्थानीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

इस ठंड के मौसम में यह स्थल प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श शरणस्थली बन गया है और हर साल बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी और पर्यटक यहां आते हैं। पद्म सरोवर की शांति और प्राकृतिक सुंदरता, विशेष रूप से सर्दियों के दौरान इसे एक अनमोल पर्यटन स्थल बना देती है। जो न केवल पक्षी प्रेमियों बल्कि प्रकृति और शांति की खोज में आए पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होता है।

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