अब संसद में गूंजेगा राजगीर रेलवे ओवर ब्रिज से जुड़ी समस्याएं
राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर-बिहारशरीफ मुख्य फोरलेन पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) जहां एक ओर क्षेत्र के विकास का प्रतीक माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय निवासियों विशेषकर पंडितपुर और आसपास के लोगों के लिए यह परेशानियों का सबब बनता जा रहा है। इस असंतोष का कारण न तो ओवर ब्रिज का निर्माण है और न ही इसका उद्देश्य, बल्कि सड़क के पश्चिमी हिस्से में सर्विस लेन और नाला निर्माण का अभाव है।
रेलवे ओवर ब्रिज के उत्तरी हिस्से में फोरलेन के दोनों ओर नियमानुसार सर्विस लेन का निर्माण किया गया है। लेकिन दक्षिणी हिस्से के पश्चिमी भाग में न तो सर्विस लेन बनी है और न ही नाला। इसकी वजह से स्थानीय लोगों और किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क के पश्चिमी हिस्से में अनुमंडल कार्यालय से लेकर आरओबी तक नाले की अनुपस्थिति ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का गंदा पानी सीधे आसपास के खेतों में बह रहा है, जिससे खेतों में जलजमाव की समस्या पैदा हो रही है। इससे न केवल फसलें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
यहां जलजमाव के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को आवागमन में कठिनाई हो रही है, खासकर बारिश के मौसम
स्थानीय लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में है। किसानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। लोग धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। इसी कड़ी में एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद कौशलेन्द्र कुमार से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद को बताया कि सर्विस लेन और नाला निर्माण के बिना यह ओवर ब्रिज अधूरी सुविधा है। सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने लोगों की बातें ध्यान से सुनीं और आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
उन्होंने कहा, “किसी भी रेलवे ओवर ब्रिज के दोनों ओर सर्विस लेन और नाला निर्माण का स्पष्ट सरकारी प्रावधान है। यह जनहित का मामला है, और मैं इसे सड़क से लेकर संसद तक ले जाऊंगा।” सांसद के आश्वासन से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है।









