अन्य
    Wednesday, March 26, 2025
    अन्य

      रेलवे लोको पायलट परीक्षा: दो माफिया पटना से गिरफ्तार, नालंदा में मचा हड़कंप

      यह घटना एक बार फिर रेलवे लोको पायलट परीक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार और संगठित गिरोहों की सक्रियता को उजागर करती है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के नूरसराय और रहुई थाना क्षेत्र से रेलवे लोको पायलट परीक्षा के दो कुख्यात परीक्षा माफियाओं की गिरफ्तारी ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। पटना और पूर्णिया जिला के साइबर थाना पुलिस ने गुरुवार को संयुक्त कार्रवाई करते हुए पटना के गर्दनीबाग स्थित स्वामी अय्यप्पन ऑनलाइन परीक्षा केंद्र से इन दोनों को धर दबोचा। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।

      पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपित रेलवे लोको पायलट की परीक्षा पास कराने के लिए मोटी रकम के सौदे में शामिल थे। इनकी पहचान रहुई थाना क्षेत्र के इतासंग गांव निवासी स्व. रामजी मुखिया के पुत्र रौशन कुमार उर्फ रौशन मुखिया और नूरसराय थाना क्षेत्र के कैवईडीह निवासी नरेंद्र प्रसाद उर्फ कुमार नरेंद्र के पुत्र राहुल राज के रूप में हुई है। जांच में पता चला कि इन दोनों ने 10 अभ्यर्थियों से प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपये की डील की थी, जिसके तहत परीक्षा में सेटिंग कर पास कराने का वादा किया गया था। इस तरह कुल मिलाकर करोड़ों रुपये का खेल खेला जा रहा था।

      यह मामला पिछले साल 13 नवंबर को उस समय सामने आया। जब कर्मचारी चयन आयोग मध्य क्षेत्र प्रयागराज की ओर से पूर्णिया में आयोजित परीक्षा के दौरान गुलाबबाग परीक्षा केंद्र से 12 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया। इन फर्जी परीक्षार्थियों की निशानदेही पर पुलिस ने इस गिरोह के सात अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूर्णिया साइबर थाना में 39 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि यह पूरा नेटवर्क संगठित तरीके से काम कर रहा था और इसमें नालंदा जिले के दोनों माफिया भी शामिल थे।

      पुलिस की गहन जांच में यह सामने आया कि रौशन कुमार और राहुल राज ने रेलवे लोको पायलट की परीक्षा में धांधली कराने के लिए अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल की थी। प्रत्येक अभ्यर्थी से 20 लाख रुपये की डील तय की गई थी। जिसमें ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग और फर्जी तरीके से परीक्षा पास कराने की गारंटी दी गई थी। पटना के स्वामी अय्यप्पन ऑनलाइन परीक्षा केंद्र को इस साजिश का अड्डा बनाया गया था। जहां से इन दोनों को रंगे हाथों पकड़ा गया।

      गिरफ्तारी के बाद नूरसराय और रहुई के गांवों में इन दोनों की करतूतों को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कुछ लोग इसे लालच का परिणाम बता रहे हैं  तो कुछ इसे सिस्टम की खामियों से जोड़कर देख रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं। साइबर थाना की टीमें अब उन अभ्यर्थियों की भी जांच कर रही हैं। जिन्होंने इन माफियाओं से डील की थी।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      जुड़ी खबर

      error: Content is protected !!