
राजगीर (नालंदा दर्पण)। पर्यटन नगरी राजगीर में एक दुखद घटना ने पूरे डेकोरेशन संघ को गमगीन कर दिया है। संघ के वरिष्ठ सदस्य मोती चौधरी की अचानक मृत्यु हो गई, जिससे न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। मोती चौधरी राजगीर के डेकोरेशन और सजावट के क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत और सहयोगी स्वभाव के लिए जाने जाते थे। यह खबर सुनते ही संघ के सदस्यों ने एकजुट होकर उनके परिवार का साथ निभाने का फैसला किया, जो सामुदायिक एकता का प्रतीक बन गया।
मोती चौधरी राजगीर के एक प्रमुख डेकोरेटर थे, जिन्होंने वर्षों से स्थानीय उत्सवों, विवाह समारोहों और धार्मिक आयोजनों को अपनी कला से सजाया था। उनका योगदान न केवल व्यावसायिक था, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उल्लेखनीय रहा।
डेकोरेशन संघ के अनुसार वे हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहते थे और संघ की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनकी मृत्यु की खबर फैलते ही राजगीर के विभिन्न इलाकों से लोग उनके घर पहुंचने लगे, जहां शोक सभा का आयोजन किया गया।
डेकोरेशन संघ ने इस दुख की घड़ी में तुरंत कार्रवाई की। पूर्व में संघ के सभी सदस्यों के सहयोग से मोती चौधरी के परिवार को राशन सामग्री और 5,000 रुपये नगद राशि प्रदान की गई थी। आज फिर से संघ ने एकत्र होकर परिवार को 5,000 रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी। यह सहायता न केवल आर्थिक बोझ कम करने का प्रयास था, बल्कि परिवार को यह आश्वासन देने का माध्यम भी बना कि वे इस मुश्किल समय में अकेले नहीं हैं।
इस सांत्वना सभा में डेकोरेशन संघ के प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति ने घटना को और भी भावुक बना दिया। धर्मराज प्रसाद ने मोती चौधरी की यादों को साझा करते हुए कहा कि वे न केवल एक कुशल डेकोरेटर थे, बल्कि एक सच्चे दोस्त भी। उनके बिना राजगीर के उत्सव फीके लगेंगे।
वहीं, राजू रंजन, रंजीत कुमार, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार, चंदन कुमार, आनंद कुमार गिरी, विक्की कुमार, राजेश कुमार और भोलानाथ विश्वकर्मा जैसे अन्य सदस्यों ने भी परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
बहरहाल, राजगीर जैसे छोटे नगर में जहां सामुदायिक बंधन जीवन का अभिन्न अंग हैं, यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि संकट की घड़ी में संगठन कितने महत्वपूर्ण हो जाते हैं। डेकोरेशन संघ की यह पहल न केवल मोती चौधरी के परिवार के लिए राहत बनी, बल्कि पूरे समुदाय को प्रेरणा देती है।









