नूरसराय अस्पताल में जन्मा दुर्लभ बच्चा बना चर्चा का विषय, इलाज राम भरोसे!
इस तरह के मामले अत्यंत दुर्लभ होते हैं और चिकित्सा विज्ञान में इन्हें पैरा-साइटिक ट्विन्स कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि समय पर उचित सर्जरी हो तो बच्चे को सामान्य जीवन देने की संभावना हो सकती है...

बिहारशऱीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के नूरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत एक महिला ने एक अत्यंत दुर्लभ अवस्था वाले बच्चे को जन्म दिया है। इस नवजात के शरीर से एक और बच्चे का अधूरा शरीर जुड़ा हुआ है। जिसमें सिर नहीं है, लेकिन दो हाथ और दो पैर स्पष्ट रूप से मौजूद हैं।
परासी गांव निवासी महिला ने इस विचित्र शारीरिक संरचना वाले बच्चे को जन्म दिया। चाचा विकास कुमार के अनुसार गर्भावस्था के दौरान महिला की नियमित जांच और दो बार अल्ट्रासाउंड कराया गया था। हालांकि इन जांचों में इस असामान्य स्थिति की कोई जानकारी नहीं मिली।
बच्चा फिलहाल स्वस्थ है, वह दूध पी रहा है और सामान्य बच्चों की तरह रो भी रहा है। परिजनों को आशंका है कि यह मामला ‘कंजॉइन्ड ट्विन्स’ (जुड़वां बच्चों का जुड़ा हुआ जन्म) का है, जिसमें एक बच्चा पूरी तरह विकसित हुआ है और दूसरा अधूरा रह गया है।
इलाज के लिए बच्चे को पहले नूरसराय से सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां किसी डॉक्टर ने उपचार नहीं किया। इसके बाद बच्चे को पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां से फिर एम्स पटना भेज दिया गया। एम्स के चिकित्सकों ने भी किसी स्पष्ट उपचार का आश्वासन नहीं दिया। अब परिजन थक-हारकर बच्चे को घर ले आए हैं और भगवान भरोसे उसके जीवन की रक्षा की उम्मीद कर रहे हैं।
इस तरह के मामले अत्यंत दुर्लभ होते हैं और चिकित्सा विज्ञान में इन्हें पैरा-साइटिक ट्विन्स कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि समय पर उचित सर्जरी हो तो बच्चे को सामान्य जीवन देने की संभावना हो सकती है। परिजन सरकार और समाज से सहायता की गुहार लगा रहे हैं। ताकि इस अनोखे नवजात का भविष्य सुरक्षित हो सके।









