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अपार आईडी अभियान में सुस्ती: नालंदा में महज 5.62 % छात्रों का ही बना कार्ड

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Slowdown in Apaar ID campaign: Only 5.62% students' cards were made in Nalanda
Slowdown in Apaar ID campaign: Only 5.62% students' cards were made in Nalanda

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग द्वारा जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के लिए अपार आईडी कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन अब तक इस दिशा में प्रगति निराशाजनक रही है। जिले में अब तक सिर्फ 5.62% छात्रों का ही अपार आईडी कार्ड बन पाया है। जिला शिक्षा कार्यालय ने 21 से 25 नवंबर तक इस अभियान को तेज करने के लिए विशेष अभियान चलाया। इसके बावजूद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।

जागरूकता की कमी और विभागीय ढिलाईः अभियान की सुस्ती के पीछे मुख्य कारण अभिभावकों और छात्रों के बीच जागरूकता की कमी है। इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से भी अभी तक उल्लेखनीय प्रगति देखने को नहीं मिली है। न केवल नालंदा बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी अपार आईडी कार्ड बनाने में यही स्थिति देखने को मिल रही है।

नई शिक्षा नीति का अहम हिस्साः अपार आईडी नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है। इसे छात्रों के शैक्षणिक जीवन को आसान और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। यह आईडी छात्रों को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहित और एक्सेस करने की सुविधा देती है। इससे भविष्य में दस्तावेजों के फिजिकल रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अपार आईडी के फायदेः अपार आईडी कार्ड एक बारह अंकों का यूनिक कोड प्रदान करता है। जिससे छात्रों को उनकी शैक्षणिक जानकारी जैसे- मार्क्स शीट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र और सह-पाठ्यचर्या उपलब्धियों को सुरक्षित और संगठित रूप से रखने की सुविधा मिलती है। यह कार्ड छात्रों को विभिन्न संस्थानों में अपने शैक्षिक रिकॉर्ड तक आसान पहुंच और जरूरत पड़ने पर उसे ट्रांसफर करने की क्षमता प्रदान करता है।

शिक्षा मंत्रालय की अनिवार्यताः भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों के लिए अपार आईडी कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। इससे स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को एक डिजिटल पहचान मिलेगी, जो उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड को कहीं भी और कभी भी एक्सेस करने में मददगार साबित होगी।

जागरूकता बढ़ाने की जरूरतः जिला शिक्षा कार्यालय का कहना है कि अब अगले चरण में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक अभिभावक और छात्र इस आईडी कार्ड के महत्व को समझें और इसे बनवाने के लिए आगे आएं। अभियान के तहत शिक्षकों को भी निर्देश दिया जा रहा है कि वे छात्रों और उनके परिवारों को इस कार्ड के लाभों के बारे में जानकारी दें।

हालांकि, अपार आईडी कार्ड छात्रों के लिए कई सुविधाएं लेकर आ रहा है। लेकिन नालंदा जिले में इसकी धीमी प्रगति चिंता का विषय है। शिक्षा विभाग को इस दिशा में और तेजी से काम करने की जरूरत है। ताकि छात्रों को उनकी शैक्षणिक यात्रा में आधुनिक तकनीकी साधनों का पूरा लाभ मिल सके।

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