नालंदा दर्पण डेस्क। सिलाव रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस गाड़ी के ठहराव की मांग नहीं पूरी हो सकी है। जबकि बख्तियारपुर-राजगीर रेल खंड पर यह स्टेशन रेलवे विभाग को उल्लेखनीय राजस्व देने वाले स्टेशनों में एक है।
कोरोना काल से पहले एक्सप्रेस रेलगाड़ी की ठहराव थी। मगर कोरोना काल से एक्स्प्रेस रेलगाड़ी की ठहराव सिलाव रेलवे स्टेशन पर बंद कर दी गई। तब बताया गया था कि कोरोना महामारी ठीक हो जाने के बंद ठहराव हो जायेगी। मगर आज तक नहीं किया गया।
इस संबंध में निवर्तमान नालंदा सांसद कौशलेन्द्र कुमार को कई बार पत्र लिख कर दिया गया, मगर आज तक इस पर उनके द्वारा कोई पहल नहीं की गयी। यहां श्रमजीवी एक्स्प्रेस तक का ठहराव को लेकर काफी प्रयास किया गया। मगर आज तक ठहराव नहीं हो पाया।
लोगों का कहना है कि सिलाव रेलवे स्टेशन एक ऐसा रेलवे स्टेशन है। जहां दूसरे रेलवे स्टेशन से टिकट कटा कर यहां के रेलवे काउंटर से बेचा जाता है। पुराने टिकट पर मुहर लगा कर टिकट दिया जाता है।
इस रेलवे स्टेशन पर लोगों को बैठने की लिए जगह, शौचालय, पानी, लाइट की सही व्यवस्था नहीं है, स्टेशन पर चलने वाले जमीन उबड़ खाबड़ है। जिससे रात्रि में रेल से उतरने वाले यात्री को काफी परेशानी होती हैं।
फिलहाल सिलाव के लोगों को पटना जाने के लिए एक्स्प्रेस रेलगाड़ी पकड़ना है तो 8 किलो मीटर उतर नालंदा या 8 किलोमीटर दक्षिण राजगीर जाना पड़ता है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
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