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Tuesday, April 1, 2025
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सरस्वती पूजा और शब-ए-बारात को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)।आगामी सरस्वती पूजा और शब-ए-बारात के मद्देनजर बिहारशरीफ में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर फ्लैग मार्च किया गया। इसमें रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान भी शामिल हुए। इसके अलावा ड्रोन कैमरे और सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मियों की सहायता से भी निगरानी रखी जाएगी। ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

प्रशासन ने सरस्वती पूजा 2025 को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं-

अनुज्ञप्ति अनिवार्यः बिना प्रशासनिक अनुमति के मूर्ति स्थापना या जुलूस का आयोजन नहीं किया जा सकेगा।

डीजे पर प्रतिबंधः डीजे का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। निर्धारित मानक से अधिक डेसीबल में ध्वनि बजाने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

सभी जानकारी लाइसेंस में अनिवार्यः लाइसेंस में मूर्ति स्थापना स्थल, तिथि, विसर्जन का समय और मार्ग, प्रतिभागियों की संख्या, 10 जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम एवं आधार संख्या आदि का उल्लेख आवश्यक होगा।

लाउडस्पीकर के लिए अनुमति जरूरीः किसी भी प्रकार का माइक या लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

पुराने रूट पर ही जुलूसः जुलूस का मार्ग गणेश पूजा और दुर्गा पूजा के दौरान निर्धारित रूट के अनुसार ही रहेगा।

हथियार और प्रतिबंधित सामग्री पर रोकः विसर्जन जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार के हथियार या प्रतिबंधित सामग्री ले जाने पर सख्त पाबंदी होगी।

आपत्तिजनक गाने और नारे वर्जितः धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले गाने, नारे, फ्लैक्स या बैनर का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा।

24×7 स्वयंसेवक तैनात होंगेः पूजा समिति को मूर्ति स्थापना स्थल पर हमेशा एक स्वयंसेवक की तैनाती सुनिश्चित करनी होगी और इसका रोस्टर पंडाल पदाधिकारी को सौंपना होगा।

मणिराम अखाड़ा तालाब में विसर्जन पर रोकः तालाब के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार कार्य के चलते यहां प्रतिमा विसर्जन नहीं किया जाएगा। पूजा समितियों को वैकल्पिक व्यवस्था अपनानी होगी।

किसी भी समस्या पर तुरंत करें सूचितः प्रशासन ने सभी पूजा समितियों से अपील की है कि वे अनुशासन और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। किसी भी प्रकार की सूचना या संदेहजनक गतिविधि तुरंत पंडाल पदाधिकारी, बीट प्रभारी या नियंत्रण कक्ष को दी जाए। ताकि प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर सके।

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