बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ मंडल कारा में एक विचाराधीन कैदी जेल के बाथरूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत विचाराधीन कैदी सोहसराय थाना क्षेत्र के पहाड़तल्ली इलाके निवासी स्वर्गीय देव पासवान का पुत्र जितेंद्र कुमार उर्फ बोकड़वा है।
दो वर्ष पूर्व सोहसराय थाना क्षेत्र के पहड़तल्ली इलाके में जहरीली तरल पदार्थ के सेवन करने से करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। उसी कांड का वह आरोपी था और विचारहीन कैदी के रुप में पिछले एक साल से अधिक जेल में बंद था।
जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि रविवार की सुबह 11:00 बजे विचाराधीन कैदी बाथरूम गया था, जहां गमछी का फंदा बनाकर गले में डालकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने के बाद विचाराधीन कैदी को इलाज के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ ले जाया जा रहा था कि इसी बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि कैदी जितेंद्र कुमार कई कांड का आरोपी था, जो हिलसा जेल में भी कई दिन तक बंद था। जेल में ही एक और कैदी बंद था, जिससे कैदी जितेंद्र कुमार और उसकी पत्नी से संबंध हो गया।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक कैदी की रिहाई हुई थी, जो कैदी जितेंद्र कुमार का साथी था। करीब 10 दिन पहले कैदी जेल से बाहर हुआ था। तभी विचाराधीन कैदी जितेंद्र कुमार की पत्नी को लेकर भाग गया था। इसी सदमा को कैदी जितेंद्र बर्दाश्त नहीं कर पाया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इधर, परिजन को कैदी जितेंद्र कुमार की मौत की सूचना मिली, तब बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचे। मृत कैदी के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए पुलिस पटना ले जाने लगी, तभी परिजनों ने रोक दिया और हंगामा करने लगे।
परिजनों का कहना था कि शव का पोस्टमार्टम बिहाशरीफ सदर अस्पताल में ही कराया जाए। इसी बात को लेकर पुलिस और विचाराधीन कैदी के परिजनों के बीच विवाद बढ़ गया और हंगामा खड़ा हो गया। सूचना मिलने के बाद भारी संख्या में सदर अस्पताल में पुलिस बल पहुंची और काफी मशक्कत के बाद हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराया।
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