“यह मल्टी स्पेशियलिटी आयुष चिकित्सालय राजगीर और आसपास के क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी…
राजगीर (नालंदा दर्पण)। नए वर्ष की शुरुआत नालंदा जिले के लोगों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक और पर्यटन नगरी राजगीर में 50 बेड वाले मल्टी स्पेशियलिटी आयुष चिकित्सालय के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए जमीन की तलाश शुरू हो चुकी है। यह अस्पताल जिले का पहला मल्टी स्पेशियलिटी आयुष चिकित्सालय होगा। यह पंचकर्म और योग के माध्यम से जटिल बीमारियों का इलाज करेगा।
पंचकर्म और योग से होगी विशेष चिकित्सा: यह अस्पताल आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को एक छत के नीचे लाएगा। अस्पताल में सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर, सामान्य प्रसव के लिए लेबर रूम, आंखों और कानों की जांच सुविधा, पैथोलॉजी लैब और पंचकर्म के विशेष ब्लॉक की भी व्यवस्था होगी।
चिकित्सा सेवाओं की विस्तृत व्यवस्था: इस आयुष अस्पताल में चिकित्सकीय अधीक्षक, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी, योग प्रशिक्षक, पंचकर्म तकनीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट, फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य विशेषज्ञ कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
पर्यटन और स्वास्थ्य का संगम: राजगीर एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के कारण इस अस्पताल का निर्माण यहां की प्रसिद्धि को और बढ़ाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि विदेशी पर्यटक भी इस अस्पताल की सेवाओं से आकर्षित होंगे, जिससे आयुर्वेद और योग की वैश्विक मान्यता को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य आयुष समिति का सक्रिय योगदान: बिहार सरकार ने करीब नौ साल पहले इस परियोजना का प्रस्ताव दिया था। केंद्र से इसकी अनुमति 4 नवंबर को मिली और अब इसके निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य आयुष समिति के कार्यपालक निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश ने जिला प्रशासन को जल्द से जल्द भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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