इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। एकंगरसराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ऐतिहासिक स्थल, औंगारीधाम, श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस धार्मिक स्थल को सूर्योपासना और भगवान अंगारक के मंदिर के रूप में जाना जाता है।
भगवान अंगारक के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान धीरे-धीरे औंगारी धाम के रूप में प्रसिद्ध हुआ और अब यह सूर्य उपासकों के लिए अद्वितीय आकर्षण का केंद्र है। विशेषकर चैती और कार्तिक के महीने में छठव्रती देश के कोने-कोने से यहां आकर सूर्य भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कहा जाता है कि यहां सूर्य भगवान के दर्शन मात्र से दिव्य प्रकाश का अनुभव होता है। जो श्रद्धालुओं के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। औंगारी धाम की ऐतिहासिकता, धार्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता इसे बिहार के सबसे अद्भुत धार्मिक स्थलों में स्थान देती है।
द्वापर युग से जुड़ी है मान्यता, श्रीकृष्ण के पौत्र शाम्ब की कथाः औंगारी धाम के अस्तित्व के बारे में मान्यता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण के पौत्र साम्व को कुष्ठ रोग का शाप मिला था। जो उनकी सुंदरता को समाप्त कर रहा था।
तब साम्व ने इस रोग से मुक्ति पाने के लिए नारद जी की सलाह पर भगवान श्रीकृष्ण की उपासना की। जिन्होंने उन्हें 12 सूर्य मंदिरों की स्थापना कर पूजा-अर्चना करने का मार्ग बताया।
उन्हीं में से एक मंदिर औंगारीधाम है। मान्यता है कि यहां बने तालाब में स्नान और पानी पीने से शरीर की कई बीमारियाँ समाप्त हो जाती हैं।
सूर्य और विष्णु के अद्भुत प्रतिमाओं का संगमः औंगारी धाम में भगवान सूर्य की प्राचीन प्रतिमा के साथ-साथ भगवान विष्णु की प्रतिमा भी मौजूद है।
इनके अलावा मंदिर परिसर में अठारह अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। जिनमें ब्रह्मा, गणेश, शंकर, पार्वती, दुर्गा और सरस्वती प्रमुख हैं। इस तरह यह स्थान सूर्य उपासना के साथ विभिन्न देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने का भी केंद्र बन गया है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और मंदिर विकास कार्यः औंगारी धाम धार्मिक स्थल पर सुविधा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए यहां औंगारीधाम ट्रस्ट और सूर्यमठ विकास सेवा समिति सक्रिय भूमिका निभा रही है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष रामभूषण दयाल और उपाध्यक्ष बीएन यादव के नेतृत्व में तालाब घाटों की सफाई, शुलभ शौचालय, पेयजल की व्यवस्था और सीढ़ियों की मरम्मत समेत कई कार्य किए जा रहे हैं।
सूर्यमठ विकास सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार पांडेय और मन्दिर के प्रधान पुजारी गंगाधर पांडेय के सहयोग से मंदिर प्रांगण में मंडप, ओसरा, रोशनी, और माइक की व्यवस्था जैसी सुविधाओं का विकास हो रहा है।
आधारभूत संरचना और सुविधाः औंगारी धाम मंदिर के निकट एक धर्मशाला, औंगारी थाना, लाल सिंह त्यागी महाविद्यालय और मध्य विद्यालय स्थित हैं। इसके अतिरिक्त दक्षिण मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, पंचायत भवन आदि भी परिसर के पास स्थित हैं।
धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के आयोजन के लिए एक विशाल धर्मशाला का भी निर्माण किया गया है, जो विशेष मौकों पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सहायक होती है।
मंडल निर्माण में स्थानीय समाजसेवियों का योगदानः मंदिर के मंडल निर्माण में औंगारी के समाजसेवी महेंद्र प्रसाद का योगदान अत्यंत सराहनीय है। औंगारी धाम की यह प्राचीन धार्मिक नगरी, आधुनिक व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं के उत्साह से सूर्य उपासना के साथ-साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
समृद्धि और शांति की प्राप्ति का केंद्रः लोगों की मान्यता है कि औंगारी धाम में सूर्य भगवान और अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना से कंचन काया, पुत्र सुख, समृद्धि और शांति जैसी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यहां पर हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं और सूर्योपासना करते हुए अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना करते हैं।
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