Home स्वास्थ्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए 102 एंबुलेंस कर्मी, जाने बड़ी वजह

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए 102 एंबुलेंस कर्मी, जाने बड़ी वजह

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102 ambulance workers went on indefinite strike, know the big reason
102 ambulance workers went on indefinite strike, know the big reason

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी अपने लंबित वेतन भुगतान और नए ठेकेदार द्वारा समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सभी कर्मचारियों ने अपने-अपने एंबुलेंस बिहारशरीफ सदर अस्पताल परिसर में खड़ी कर दी हैं। इस कारण एंबुलेंस सेवा पूरी तरह ठप हो गई है।

इस हड़ताल का असर सबसे ज्यादा मरीजों, खासकर प्रसव की महिलाओं, बुजुर्गों और आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचने वालों पर पड़ रहा है। अब मरीजों को मजबूरन निजी एंबुलेंस या किराए की गाड़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है।

वेतन भुगतान न होने से पर्व फीके, परिवार चलाना हुआ मुश्किलः 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार पांडेय ने बताया कि गुरुवार रात 12 बजे से जिले में एंबुलेंस संचालन का जिम्मा एक नए ठेकेदार को मिला है। जिसने पुराने कर्मियों को बनाए रखने से इंकार कर दिया है और अब तक तीन महीनों का वेतन भी नहीं दिया गया है।

दशहरा, दिवाली और छठ जैसे महत्वपूर्ण पर्व बिना वेतन के निकल गए। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति पर भारी असर पड़ा है। दुकानदार और साहूकार भी अब कर्ज देने से मना कर रहे हैं। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

समय पर वेतन न मिलने से आक्रोशित कर्मचारीः 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सिकंदर कुमार ने कहा कि धनतेरस और अन्य पर्वों में बिना वेतन के त्योहार फीके रहे हैं।

उन्होंने कहा, “रात-दिन मरीजों की सेवा में हम लगे रहते हैं, लेकिन हर बार वेतन की मांग पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। इसीलिए हम सभी ने एंबुलेंस खड़ी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।”

हड़ताल के पहले, कर्मचारियों ने 29 अक्टूबर को सिविल सर्जन (सीएस) का घेराव कर तीन दिनों के भीतर वेतन भुगतान और समायोजन की मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया।

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शनः सदर अस्पताल में हड़ताल के दौरान एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान देवानंद दास, रौशन कुमार, परशुराम कुमार, अमरजीत कुमार, चंद्रभान कुमार, निवास कुमार सिन्हा, अनुज कुमार, पंकज कुमार, रंगेश कुमार, सूरज शर्मा, मोहम्मद असगर तौफिक आलम, संजय कुमार समेत कई अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

मरीजों को हो रही परेशानीः हड़ताल के कारण एंबुलेंस सेवाएं बंद होने से सबसे ज्यादा असर मरीजों पर पड़ रहा है। अस्पताल में इमरजेंसी के मामले में एंबुलेंस सेवा की उपलब्धता न होने से मरीजों और उनके परिजनों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। विशेषकर प्रसव पीड़िता और बुजुर्गों को अस्पताल पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

समायोजन और वेतन भुगतान की मांग पर अड़े कर्मचारीः एंबुलेंसकर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे। इससे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर और बढ़ सकता है। लेकिन वे इस मुद्दे को हल करवाने के लिए संघर्ष करते रहने का इरादा रखते हैं।

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