स्वास्थ्य (नालंदा दर्पण)। प्रकृति ने हमें अनगिनत औषधीय खजाने दिए हैं, जिनमें से सहजन (मोरिंगा) एक ऐसा पौधा है, जो अपने चमत्कारी गुणों के लिए आज चिकित्सा और स्वास्थ्य जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पौधा न केवल पोषण का भंडार है, बल्कि इसके औषधीय तत्व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने में भी प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। हाल के वैज्ञानिक शोधों ने सहजन को कैंसर के खिलाफ एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में स्थापित किया है, जो न सिर्फ बीमारी की रोकथाम में मदद करता है, बल्कि इसके इलाज में भी सहायक हो सकता है।
सहजन में पाया जाने वाला एक खास यौगिक, नियाजिमिसिन (Niazimicin), कैंसर कोशिकाओं के निर्माण और उनके प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह यौगिक कैंसर की शुरुआती अवस्था में कोशिकाओं के अनियंत्रित विभाजन को बाधित करता है। जिससे ट्यूमर का विकास धीमा पड़ सकता है या पूरी तरह रुक सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि नियाजिमिसिन की यह क्षमता कैंसर रोगियों के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आई है। विशेष रूप से स्तन कैंसर, लीवर कैंसर और त्वचा कैंसर जैसे प्रकारों में इसके प्रभाव को देखा गया है। जिससे यह प्राकृतिक उपचार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।
सहजन की पत्तियों, फूलों और बीजों में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। क्वेरसेटिन और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करते हैं। ये फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर, हृदय रोग और उम्र बढ़ने जैसी समस्याओं को जन्म देते हैं। सहजन के नियमित सेवन से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स का स्तर बढ़ता है, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। इसके अलावा यह सूजन (inflammation) को कम करने में भी मदद करता है, जो कैंसर के विकास का एक प्रमुख कारण माना जाता है।
सहजन केवल कैंसर से लड़ाई तक सीमित नहीं है। इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ भी इसे एक संपूर्ण औषधीय पौधा बनाते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, ई, कैल्शियम, पोटैशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है। सहजन का नियमित सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, हड्डियों को मजबूती देता है और थकान को दूर कर ऊर्जा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह पोषण का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है।
सहजन को अपने आहार में शामिल करना बेहद आसान है। इसकी पत्तियों को सब्जी या सूप के रूप में पकाया जा सकता है, सूखाकर पाउडर बनाया जा सकता है या चाय में मिलाकर पिया जा सकता है। इसके बीजों को भूनकर खाया जा सकता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं। सहजन की फलियां, जिन्हें आमतौर पर ड्रमस्टिक कहा जाता है, सब्जी के रूप में लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, बाजार में सहजन के कैप्सूल और अर्क भी उपलब्ध हैं, जिन्हें चिकित्सक की सलाह से लिया जा सकता है।
वेशक सहजन एक ऐसा प्राकृतिक उपहार है, जो न केवल हमारे भोजन को पौष्टिक बनाता है, बल्कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में भी हमारा साथी बन सकता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर-रोधी गुण इसे आधुनिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाते हैं। हालांकि इसके पूर्ण लाभ के लिए संतुलित मात्रा में और नियमित सेवन जरूरी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सहजन को आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए इसे किसी भी पारंपरिक चिकित्सा का विकल्प मानने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। सहजन सचमुच प्रकृति का एक शक्तिशाली योद्धा है, जो स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए तैयार है।
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