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अब राजगीर, बिहारशरीफ और हिलसा के इन मौजों के बढ़ेंगे जमीन रजिस्ट्री शुल्क

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। यदि आप बिहार के राजगीर, हिलसा और बिहारशरीफ में जमीन या फ्लैट खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको अपनी जेब अधिक ढीली करनी होगी। राज्य के निबंधन विभाग ने इन क्षेत्रों में जमीन की न्यूनतम मूल्य दर (एमवीआर) में वृद्धि के लिए सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। अगले वित्तीय वर्ष में इन इलाकों की भूमि की रजिस्ट्रेशन दरें बढ़ने की संभावना है।

बिहारशरीफ, राजगीर और हिलसा के नगर निगम, नगर परिषद और उनके आसपास के इलाकों में एमवीआर में सबसे अधिक वृद्धि होने की संभावना है। जिला अवर निबंधन पदाधिकारी अजय कुमार झा के अनुसार वर्तमान बाजार दर और रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज दरों में भारी अंतर है, जिसे कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

नगर निगम की सीमा से 8 से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाली भूमि की रजिस्ट्री पर पहले से ही 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है और भविष्य में यह शुल्क और अधिक बढ़ सकता है। रजिस्ट्री ऑफिस द्वारा तैयार रिपोर्ट में 80 से अधिक मौजों को चिह्नित किया गया है, जहां एमवीआर में वृद्धि की जाएगी।

इसके अलावा रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए बदलाव किए जा रहे हैं। नगर निकायों से वर्गीकृत सड़कों की सूची भी मांगी गई है ताकि विभिन्न इलाकों में संपत्तियों का मूल्यांकन सटीक रूप से किया जा सके।

विभाग ने उन लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो गलत दस्तावेजों के आधार पर जमीन रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक 50 से अधिक मामलों में गड़बड़ी पकड़ी गई है। जहां कागजात की स्थल जांच में अनियमितताएं पाई गईं। ऐसे मामलों में अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है और भविष्य में और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एमवीआर वृद्धि से प्रभावित होने वाले मौजों में दरियापुर, पंडितपुर, चेरन, श्रीचंद्रपुर, कचरा, सुढारी, ससौर, बलेपुर प्यारेपुर, हसुआ, चेरो, बस्ती, बराह, छबिलापुर, अस्थावां, देशना, जहाना, बिंद, शाहपुर, भागन बिगहा, पोरई, मुढारी, मिल्की, पचासा, वेना, करमपुर-पहड़पुर, सकरौल, धोराही, नेपुरा, बाजितपुर, तुंगी, सिवेसिंधपुर, नौरंगा, रसलपुर, बासक सैदी, बहादुपुर, मोरातालाब, बेलौआ, सीमा, कुंदी, शेरपुर, दरवारा, केवई, जगदीशपुर-तियारी, सकरौढा, लोदीपुर, बड़गांव, नीरपुर, सिलाव, कचरा, तेलमर, पितौजिया, बेराम, माधोपुर, गोरावां, हिलसा, इंदौत, राजाबाद,बरही, केशोपुर, बभनडीहा, करियावां, भतहर, थरथरी, कोलबिगहा, अस्ता, सलेमपुर, डीहा, रामपुर, मोहदीननगर,रामपुर, मानसिंगपुर, तीनी लोदीपुर, रोजबदरे आलम, मुरौरा, बियाबानी, आशानगर, इमादपुर, सिपाह, बाजितपुर, लोहगानी, बबुरबन्ना, भागनबिगहा, मिर्जापुर, गैबी, मोरातालाब, इतासंग, इतासंग, अकबरपुर, पदमपुर, डिहरी, सबनहुआडीह, पोरई, रूपसपुर, चंडासी, अंधना, चकचंडासी, मकनपुर, कुंडी, दरुआरा, सुल्तानपुर, बरारा, दाउदपुर, मंडाछ, कखड़ा, हेगनपुरा आदि शामिल बताए जाते हैं।

बहरहाल, जमीन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए निवेशकों और आम लोगों के लिए यह सोचने का समय है कि क्या यह सही मौका है या फिर कीमतें और बढ़ने का इंतजार किया जाए। आने वाले महीनों में नालंदा जिले के इन इलाकों में संपत्ति बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है।

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