स्वास्थ्य (नालंदा दर्पण)। सहजन को आमतौर पर मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है। यज पोषण तत्वों से भरपूर एक चमत्कारी पौधा है। इसके हर भाग में सेहतमंद गुणों की भरमार है। चाहे वह पत्तियाँ हों, फूल हों, फल हों या फिर जड़ें। यही वजह है कि इसे न्यूट्रिशन डाइनामाइट के नाम से भी पुकारा जाता है। बदलते मौसम के साथ शरीर को जरूरी पोषण और ताकत प्रदान करने में सहजन का सेवन बेहद फायदेमंद साबित होता है।
एक हालिया शोध में यह पाया गया है कि सहजन की पत्तियों में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये पत्तियाँ पालक से 24 गुना अधिक आयरन, दूध से तीन गुना अधिक कैल्शियम, संतरे से सात गुना अधिक विटामिन, अंडे से 36 गुना अधिक मैग्नीशियम और केले से तीन गुना अधिक पोटैशियम से भरपूर होती हैं। यह सभी पोषक तत्व हमारे शरीर के विकास, हड्डियों की मजबूती और प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।
मौसम बदलने के साथ शरीर को अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ताकि उसे मौसमजन्य बीमारियों से बचाया जा सके। सहजन इन आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-खाँसी, वायरल इंफेक्शन जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
सहजन की पत्तियाँ सिर्फ पोषक तत्वों का खजाना नहीं हैं, बल्कि इनसे स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं। सहजन की पत्तियों से सब्जी, अचार, सूप और चाय बनाई जाती है, जो न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, सहजन के फूल और फली से भी कई तरह के पौष्टिक व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं।
सहजन को कई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके विभिन्न हिस्सों से तैयार किए गए औषधीय तत्व अनेक बीमारियों का उपचार करने में सक्षम होते हैं। यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और त्वचा की चमक को बढ़ाने में सहायक होता है।
सहजन को अपनी डाइट में शामिल कर आप एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवनशैली का आनंद ले सकते हैं। यह अद्भुत पौधा सच में प्रकृति का वरदान है, जो हमारी सेहत के लिए अमूल्य तोहफा साबित हो सकता है।
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