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घोटाला का असर: नौनिहाल बच्चों को जमीन पर बैठकर परीक्षा देने की मजबूरी

Impact of the scam: Young children forced to sit on the ground and take exams
Impact of the scam: Young children forced to sit on the ground and take exams

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में हुए बेंच-डेस्क घोटाला की गूंज अब बिहार विधानसभा तक पहुंच चुकी है और इसका असर अब गांव के स्कूलों पर साफ देखा जा रहा है। बिंद प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बकरा में पढ़ने वाले नौनिहाल बच्चों को बेंच-डेस्क की कमी के कारण जमीन पर बैठकर वार्षिक परीक्षा देने को मजबूर होना पड़ रहा है।

इस विद्यालय में प्रथम से लेकर अष्टम वर्ग तक की पढ़ाई होती है और कुल 300 छात्र-छात्राएं यहां नामांकित हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश इन बच्चों को बैठने के लिए बेंच और डेस्क तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने के साथ ही परीक्षा भी दे रहे हैं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक के अनुसार बेंच-डेस्क की आपूर्ति के लिए विभाग से कई बार अनुरोध किया गया। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। नतीजा यह है कि विद्यालय में पढ़ने वाले 24 से 52 छात्रों तक की विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राएं बिना सुविधाओं के संघर्ष कर रहे हैं।

दरअसल, बेंच-डेस्क घोटाले की कहानी का सबसे बड़ा पहलू यह है कि जिले के कई अन्य विद्यालय भी इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। बेंच-डेस्क की सप्लाई ना होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई और उनके शारीरिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जबकि बिहार विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर चर्चा हो चुकी है। लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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