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उधार शराब न देने पर दबंगों ने दलित बस्ती में लगाई आग, मवेशियों की मौत

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For not giving liquor on credit, the bullies wreaked havoc in the Dalit colony, burnt houses, killed cattle
When liquor was not given on credit, the bullies set fire to the Dalit settlement, cattle died

हिलसा (नालंदा दर्पण)। करायपरसुराय थाना क्षेत्र अंतर्गत छितर बिगहा गांव में दिवाली की रात दर्दनाक घटना घटी। दबंगों ने उधार शराब न देने पर दलितों के घरों में आग लगा दी। इस आगजनी में दलित बस्ती के छह घर जलकर खाक हो गए और कुछ मवेशियों की भी जान चली गई। इस भयावह घटना ने पूरे गांव में अफरा-तफरी मचा दी और बस्ती में चीख-पुकार गूंज उठी।

आगजनी से मची दहशत के बीच पुलिस ने शुरू की तफ्तीशः इस घटना के बाद पीड़िता धर्मशीला देवी ने करायपरसुराय थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। धर्मशीला ने अपनी शिकायत में चार व्यक्तियों का नाम लिया। जिनके खिलाफ दलित बस्ती में आगजनी और मारपीट का आरोप लगाया गया।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की गहराई से जांच में जुट गई। हिलसा डीएसपी सुमित कुमार के अनुसार पुलिस दो पक्षों के बीच हुए विवाद की जांच कर रही है। घटना के बाद गांव में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

शराब के उधार से शुरू हुआ विवादः बताया जा रहा है कि गांव के कुछ दलित परिवार चुलाई शराब का कारोबार करते हैं, जिससे दबंग शराबी अक्सर उधार में शराब पीते थे। दिवाली की रात दबंगों ने फिर से उधार में शराब पीने की मांग की।

परंतु जब कारोबारियों ने बकाया पैसा मांगा और बिना भुगतान के शराब देने से इनकार किया तो विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। दबंगों और दलितों के बीच कहासुनी और मारपीट की स्थिति उत्पन्न हुई और गुस्साए दबंगों ने दलितों के घरों में आग लगा दी।

फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से बची और अधिक तबाहीः घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक दलित बस्ती के पांच से छह घर पूरी तरह जल चुके थे।

पुलिस ने बताया कि कुछ लड़कों ने सिगरेट जलाने के लिए माचिस मांगी थी। जिसके चलते कहासुनी शुरू हुई और विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।

दलित बस्ती में फैली नाराजगी, पुलिस पर कार्रवाई का दबावः इस घटना ने दलित बस्ती में आक्रोश पैदा कर दिया है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस फिलहाल घटना की जांच में लगी हुई है और आरोपियों की तलाश जारी है।

थानाध्यक्ष अमित सिंह ने कहा कि मामले की तफ्तीश पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वहीं पुलिस ने यह भी माना है कि कुछ लोग शराब का अवैध धंधा कर रहे हैं। इसकी जांच भी की जा रही है।

समाज में बढ़ती असुरक्षा, प्रशासन की जिम्मेदारीः यह घटना केवल एक घटना नहीं, बल्कि समाज में मौजूद असुरक्षा और दबंगई की प्रवृत्ति को उजागर करती है। इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि दलित समाज कब तक असुरक्षित और दबंगों के जुल्मों का शिकार बनता रहेगा? अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कैसे कार्रवाई करता है और दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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