बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पास्को स्पेशल न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में 30 वर्षीय आरोपी अमूल्य चौहान को भारतीय दंड संहिता 376(3) के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 2 वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। आरोपी गिरियक थाना क्षेत्र का निवासी है।
साथ ही न्यायालय ने पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकार स्कीम के तहत 7 लाख रुपए की मुआवजा देने का भी आदेश दिया। इस मामले में मारपीट एवं धमकी देने के आरोपियों मनोज चौहान, रंजीत चौहान, अजीत चौहान, सतीश चौहान व इंदू देवी को डांट फटकार कर प्रोवेशन के तहत छोड़ने का आदेश दिया है।
पीड़िता के बयान पर न्यायालय में 15 जुलाई 2019 को मुकदमा दाखिल की गई थी। जिसके अनुसार वह आठवीं वर्ग की छात्रा है। उसके माता-पिता बाहर जाकर मजदूरी करते हैं।
पीड़िता संध्या 7 बजे घर से बाहर शौच के लिए निकली थी तभी आरोपी ने पीड़िता को खंधा में गेहूं के खेत में ले जाकर जबरन दुष्कर्म को अंजाम दिया।
मामले में अभियोजन की ओर से पास्को स्पेशल एपीपी जगत नारायण सिन्हा ने बहस किया तथा 10 गवाहों की गवाही कराई।
नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करारः उधर एक अन्य फैसले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पास्को स्पेशल न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने 5 वर्ष 6 माह की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में 21 वर्षीय आरोपी सुबोध कुमार पांडे को पास्को अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता 376 एवं के तहत दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई 16 मार्च को होगी।
पीड़िता की मां के फर्द बयान पर महिला थाना में 5 मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बच्ची स्कूल पढ़ने गई थी। जहां से आरोपी ने दोपहर 2 बजे छुट्टी होने के बाद घर लौटने के क्रम में मोगल कुआं नई रहुई रोड के 200 मीटर उत्तर खंडहर में ले जाकर दुष्कर्म किया।