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नालंदा में तटबंध टूटने पर इंजीनियर सहित 7 अफसर सस्पेंड

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। झारखंड में हुई मूसलाधार बारिश ने बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। 19 जून को फल्गू नदी में जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण जहानाबाद के उदेरास्थान बैराज से 73,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

इसकी वजह से नालंदा के लोकाइन, भूतही, धोवा और महतमाइन नदियों पर बने छोटे बांधों के हिस्से टूट गए। बांध टूटने से आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे फसलों, मकानों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। इस घटना के बाद प्रशासनिक लापरवाही सामने आने पर बिहार सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।

जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि एकंगरसराय में तटबंध टूटने की घटना में लापरवाही बरतने वाले कार्यपालक अभियंता, जूनियर इंजीनियर सहित कुल 7 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी मुस्तैद थे। लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। प्राकृतिक आपदा में ऐसी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री ने यह भी बताया कि मई महीने में ही सभी अधिकारियों को तटबंधों की निगरानी और मरम्मत के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद कुछ अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। वर्तमान में कंट्रोल रूम से सभी अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, और अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जा रही है।

बता दें कि नालंदा जिले के हिलसा, करायपरसुराय और एकंगरसराय के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैलने से सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

डीएमडी के एक बयान के अनुसार कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल, और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।  विभाग ने क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत के लिए विशेष टीमें गठित की हैं, जो दिन-रात कार्य में जुटी हैं।

बांध टूटने की घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। एकंगरसराय निवासी रामप्रवेश यादव ने कहा कि हर साल बारिश के मौसम में बांध टूट जाते हैं।  लेकिन प्रशासन पहले से कोई ठोस कदम नहीं उठाता। हमारी फसलें और घर बार-बार तबाह हो रहे हैं।

कई ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि तटबंधों की मरम्मत के लिए आवंटित धनराशि का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इस संबंध में जल संसाधन विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं।

मंत्री विजय चौधरी ने आश्वासन दिया कि बिहार सरकार बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम नदियों के तटबंधों को मजबूत करने और बाढ़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के साथ सहयोग करें। विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनके माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोग सहायता मांग सकते हैं।

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