CM नीतीश के हरनौत में अनोखा विरोध, सड़क पर की धानरोपनी

हरनौत (नालंदा दर्पण)। हरनौत बाजार से गोनांवा को जोड़ने वाली सड़क पर कीचड़ और गड्ढों के बीच एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। नाराज ग्रामीणों ने इस सड़क पर धान की रोपाई कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह प्रखंड में बन रहे रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण की सुस्त गति के खिलाफ अपना रोष जताया।
यह सड़क लगभग 150 गांवों को जोड़ती है। यहां की आबादी बारिश के मौसम में कीचड़ और जलजमाव से जूझ रही है। राहगीरों, खासकर स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह-सुबह हरनौत के ग्रामीण हाथों में धान के पौधे लिए सड़क पर उतरे। कीचड़ से भरे गड्ढों में उन्होंने धान की रोपाई शुरू की, जो न केवल उनकी निराशा का प्रतीक था, बल्कि सरकार और ठेकेदार की उदासीनता को उजागर करने का एक अनोखा तरीका भी था।
ग्रामीणों का कहना है कि हमारी सड़क खेत बन चुकी है तो क्यों न हम इसे खेत की तरह इस्तेमाल करें? यह सड़क मुख्यमंत्री के निवास से मात्र दो किलोमीटर दूर है। फिर भी इसकी बदहाल स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि यह रेलवे ओवरब्रिज पिछले दो वर्षों से निर्माणाधीन है, लेकिन इसकी प्रगति बेहद धीमी है। करोड़ों रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना को ठेकेदार की लापरवाही ने अधर में लटका दिया है।
बारिश के मौसम में सड़क की हालत और खराब हो जाती है, जिससे लोग कीचड़ और गड्ढों में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग इस सड़क पर चलने से डरते हैं। बच्चे स्कूल कैसे जाएं? हर कदम पर जान का खतरा है।
बता दें कि यह सड़क न केवल हरनौत, बल्कि आसपास के 150 गांवों के लिए जीवनरेखा है। किसान अपनी फसल बाजार तक ले जाने के लिए इसी मार्ग पर निर्भर हैं और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी यह सड़क महत्वपूर्ण है। अगर कोई आपात स्थिति हो तो हम समय पर अस्पताल भी नहीं पहुंच सकते। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो स्थानीय प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई।
प्रदर्शन के दौरान हरनौत नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि आरओबी निर्माण की स्थिति की जानकारी संबंधित विभाग को पत्र के माध्यम से दी जाएगी। हमने पहले भी इस समस्या को उठाया था और जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी।
वहीं, पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राम सुरेश राय ने बताया कि पुल के चढ़ाई और उतराई वाले हिस्सों में तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। बारिश के कारण सर्विस लेन में गड्ढे बन गए हैं, जिसे जल्द ठीक किया जाएगा। निर्माण कार्य को भी तेज किया जाएगा।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सड़क की स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
बहरहाल यह अनोखा विरोध न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण अब अपनी समस्याओं को लेकर कितने जागरूक और सक्रिय हो रहे हैं। क्या यह प्रदर्शन प्रशासन को जगा पाएगा या फिर यह सड़क और कीचड़ की कहानी अनसुलझी रहेगी?









