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    Tuesday, December 3, 2024
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      31 अक्टूबर तक करें फसल सहायता योजना का ऑनलाइन आवेदन

      नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है कि फसल सहायता योजना के तहत 31 अक्टूबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल में हुई क्षति की भरपाई करना है, जो खासकर अक्टूबर-नवंबर और फरवरी-मार्च के महीने में आंधी-बारिश के कारण होती है।

      नगरनौसा क्षेत्र में मौसम के प्रतिकूल प्रभावों के कारण कई बार फसलों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस बार फसल क्षति होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। प्रति हेक्टेयर एक से 20 प्रतिशत तक फसल क्षति पर 7,500 रुपये और 20 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 10,000 रुपये मुआवजा मिलेगा। निबंधन की प्रक्रिया निःशुल्क है और सभी आवश्यक जानकारी किसानों को उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी।

      हालांकि नगरनौसा प्रखंड में इस योजना का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। कई किसानों का कहना है कि उन्होंने पिछले वर्षों में आवेदन किया लेकिन मुआवजा नहीं मिला। 2022 में आवेदन करने वाले कई किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है। इस बार सहकारिता विभाग ने एक बार फिर से फसल सहायता योजना का ऐलान किया है, जिससे किसानों को आशा की किरण मिली है।

      फसल क्षति का दावा प्रस्तुत करने के बाद इसका आकलन और जांच के आधार पर मुआवजा फसल कटने के 15 दिनों के भीतर किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा। रैयत श्रेणी के किसानों को आवेदन के लिए पहचान पत्र, फोटो, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र और फसल का रकबा जैसे दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।

      यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो पीएम सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। ऑनलाइन निबंधन सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर किया जा सकता है और सभी प्रकार की जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।

      नगरनौसा के किसानों को इस बार इस योजना का लाभ लेने का एक और मौका मिला है। यदि मौसम में अनिश्चितता बनी रही तो इस योजना के तहत दी जाने वाली सहायता किसानों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय सीमा का ध्यान रखते हुए अपना निबंधन कराएं और सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें, ताकि किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

      उम्मीद की जा रही है कि इस बार फसल सहायता योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचेगा और वे प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से उबर सकेंगे।

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