नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। हिलसा अनुमंडल के नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत राजकीयकृत+2 उच्च विद्यालय चिस्तीपुर में एक विद्यालय अध्यापक संजीव कुमार पर गुटबाजी और भेदभाव का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस समस्या को उजागर किया।
पत्र में कहा गया है कि संजीव कुमार, जो कि BPSC द्वारा नियोजित हैं, अपने आपको कमीशन के तहत बहाल होने का प्रचार कर रहा है और विद्यालय में भेदभाव का माहौल बना रहे हैं। आरोप है कि वह शिक्षकों के बीच एक गुट का निर्माण कर रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के बजाय छात्रों और शिक्षकों के बीच तनाव पैदा कर रहा है।
विशेष रूप से यह भी बताया गया कि संजीव कुमार ने विद्यालय में पदस्थापन के तुरंत बाद विद्यालय प्रभार की मांग की, जबकि अन्य शिक्षक पिछले 15 वर्षों से कार्यरत हैं। इन सबके बीच विद्यालय में पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, जिससे शिक्षण वातावरण में अव्यवस्था फैल रही है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संजीव कुमार को दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्यों उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई न की जाए। इस मामले ने शिक्षा विभाग में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें शिक्षकों के बीच गुटबाजी और भेदभाव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय: शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की गुटबाजी से न केवल शिक्षण प्रक्रिया प्रभावित होती है, बल्कि छात्रों के मानसिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।
इस मामले के आने से यह साफ है कि विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल को सुधारने की आवश्यकता है और ऐसे आरोपों का गंभीरता से निपटारा होना चाहिए।
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एक शिक्षक का चयन बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा हुआ,दूसरा नॉन कमीशन मार्कशीट काउंसिलिंग के आधार पर है ऐसे तो ब्लॉक का बड़ा बाबू कहेगा हम बीडीओ से पहले से है तो सीनियर है,ऐसा नहीं होता है सभी नियुक्तियां नियम कानून के अनुसार होता है बीपीएससी टीचर हर हाल तौर तरीके से नियोजित शिक्षक से बड़ा पद है चुकी यह कॉमिसन द्वारा नियुक्त है