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पैक्स चुनाव में बड़ा घोटालाः नामांकन रद्द अभ्यर्थी को दिया जीत का प्रमाणपत्र

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Big scam in PACS election Certificate of victory given to candidate whose nomination was cancelled
Big scam in PACS election: Certificate of victory given to candidate whose nomination was cancelled

चंडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रूखाई पंचायत के इस ताजा प्रकरण ने प्रशासन की कार्यप्रणाली और चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं

चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी प्रखंड के रूखाई पंचायत पैक्स चुनाव के दौरान बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां नामांकन रद्द कर दी गई महिला अभ्यर्थी ममता कुमारी को चुनाव में जीत का प्रमाणपत्र दे दिया गया। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब धान खरीदारी के लिए प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाई गई।

रूखाई पैक्स के लिए आयोजित चुनाव में पिछड़ा वर्ग की महिला सीट से ममता कुमारी ने नामांकन दाखिल किया था। लेकिन 22-23 नवंबर को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। बावजूद इसके निर्वाची पदाधिकारी द्वारा उन्हें जीत का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।

धान खरीदारी के लिए बुलाई गई प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह विवाद तब गहराया, जब चुने हुए चार प्रबंध समिति सदस्यों को बैठक में बुलाने की बजाय ममता कुमारी को बुलाया गया। इतना ही नहीं बैठक पंजी में उनसे हस्ताक्षर भी करवा लिए गए। अनुपस्थित प्रबंध समिति सदस्यों ने जब इस मामले की जानकारी ली तो उन्होंने इसे घोटाला करार दिया और जिलाधिकारी से शिकायत करने की बात कही।

प्रबंध समिति के सदस्य मुन्ना कुमार ने इस पूरे मामले पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पैक्स अध्यक्ष और प्रखंड कार्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ी की गई है। मुन्ना कुमार ने बताया कि बैठक में कोरम पूरा करने के लिए ममता कुमारी को झूठा प्रमाणपत्र देकर बुलाया गया और उनकी उपस्थिति दर्ज कराई गई।

नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह भी सामने आया था कि अति पिछड़ा वर्ग की महिला सीट पर किसी ने नामांकन नहीं किया। जिससे यह सीट खाली रह गई। इसके बावजूद बिना उचित प्रक्रिया के ममता कुमारी को प्रमाणपत्र दिया गया।

मामले का खुलासा होने के बाद प्रबंध समिति के सदस्य इसे लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित घोटाला है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

इस गंभीर मामले को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। निर्वाची पदाधिकारी और प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि नामांकन रद्द होने के बावजूद जीत का सर्टिफिकेट कैसे जारी किया गया।

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