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    Monday, February 17, 2025
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      Bihar Cooperative Department: अब इन 39 जगहों पर खुलेंगी सहकारी बैंक की नई शाखाएं

      बिहार में सहकारी बैंक प्रणाली के विस्तार से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को मजबूती मिलेगी। यह पहल किसानों, व्यापारियों और आम जनता के लिए आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देगी। हालांकि, एनपीए की बढ़ती समस्या को हल करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत होगी…

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में सहकारी बैंकिंग प्रणाली (Bihar Cooperative Department) को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में कुल 39 नई सहकारी बैंक शाखाएं खोली जाएंगी। जिसमें बिहार राज्य सहकारी बैंक की 10 शाखाएं शामिल हैं। जबकि शेष शाखाएं जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की होंगी। सबसे अधिक बैंक शाखाएं सीवान और बेगूसराय जिलों में खोली जा रही हैं। सहकारिता विभाग ने इन प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है।

      किन जिलों में खुलेंगी नई शाखाएं? नवीन शाखाएं पटना, सारण, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, बेगूसराय, सीतामढ़ी, गया, जहानाबाद, अरवल और सीवान में खोली जाएंगी।

      • पटना: पटना सिटी, आशियाना दीघा रोड, एम्स जगनपुरा रोड।
      • सारण: छपरा, मशरख, सोनपुर।
      • दरभंगा: बिरौल।
      • मधेपुरा: उदाकिशनगंज।
      • सहरसा: सिमरी बख्तियारपुर।
      • बेगूसराय: रामदीर।
      • सीतामढ़ी: तरियानी, बाजपट्टी, बथनाहा।
      • गया: खिजरसराय, गरुआ।
      • जहानाबाद: घोसी।
      • अरवल: कुर्था।

      बैंकिंग नेटवर्क के विस्तार की योजनाः वर्तमान में बिहार के 300 प्रखंडों में ही सहकारी बैंक की शाखाएं हैं। सहकारिता विभाग ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से नियमों में ढील देने की मांग की है। ताकि 234 और प्रखंडों में सहकारी बैंक शाखाएं खोली जा सकें। जिन जिलों में अभी तक केंद्रीय सहकारी बैंक नहीं हैं। उनमें बक्सर, कैमूर, शिवहर, दरभंगा, जहानाबाद, अरवल, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, बांका, सारण, पूर्णिया, किशनगंज और मधेपुरा शामिल हैं।

      सीवान और बेगूसराय को मिलेगा अधिक लाभः सीवान जिले के नौतन, पंचरुखी, हुसैनगंज, भगवानपुर हाट, मदारपुर, बलैया और बेगूसराय के मंसूरचक, साहेबपुर कमाल, शाभ्हो, चमथा, छौराही, वीरपुर में नई शाखाएं खुलेंगी।

      एनपीए बढ़ने से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावितः राज्य में कुल 23 केंद्रीय सहकारी बैंक कार्यरत हैं। आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष इन बैंकों में 521920 लाख रुपये की जमा राशि थी। लेकिन साथ ही इनका गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का स्तर भी बढ़ा है। 2019 में यह राशि 9972 लाख रुपये थी, जो 2021 में बढ़कर 10150 लाख रुपये हो गई।

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