“अगर आप सड़क पर चलते हुए मोबाइल से बात कर रहे हैं तो आपका मोबाइल उच्चके ले उड़ सकते हैं। अगर आपकी नजर दुकान से हटीं तो कीमती वस्तु गायब हो सकती है। आपके दुकान प्रतिष्ठान में आकर उच्चके आपको चकमा दे कर कैश साफ़ कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए बसों और ट्रेनों पर लिखी गई बातें याद कर लीजिए। यात्री अपने समान की रक्षा स्वयं करें। आज कल यही चंडी थाना क्षेत्र में कुछ यहीं हो रहा है…
चंडी (नालंदा दर्पण)। गुरुवार को चंडी थाना क्षेत्र के लालगंज इलाके में एक स्टूडियो से उच्चके गैंग ने कीमती कैमरा पर हाथ साफ कर दिया।
पीड़ित सुजीत कुमार ने बताया कि एक नबंर से फोन आया कि चंडी पुल पर एक फोटो खींचवाना है। जब वहां पहुंच कर फोन किया तो बोला कि अभी नहीं खींचवाएंगे। उसके बाद वहां से अपनी दुकान आया तो एक बच्चे ने बताया कि दुकान में एक आदमी आया था, जो कुछ लेकर चला गया है।
उसके बाद देखा कि दुकान की अलमारी से एक विडियो कैमरा गायब है, जिसकी कीमत 48 हजार थी। जबकि उस अलमारी में नकद राशि भी थी, लेकिन उच्चके उसे छोड़ दिया।
सुजीत ने बताया कि जब उच्चके की उक्त नबंर पर बात की तो बात ही हुआ। पुलिस ने भी उस नबंर पर बात की और उसे ट्रेस किया तो वह रामघाट के रास्ते लोहंडा लोकेशन बता रहा था। बाद में बात करने पर मोबाईल का लोकेशन पटना दिखाने लगा।
बता दें कि कुछ दिन पूर्व चंडी बस स्टैंड में एक एक चिकित्सक की मां के साथ भी ऐसी ही घटना हुई। उच्चके उनकी दुकान पर दवा लेने के बहाने आए और मौका देखकर उनका नया मोबाइल ले उड़े।
जब उनके पुत्र ने लोकेशन पता किया तो पटना सिटी बताने लगा। उन्होंने वहां रह रहे अपने रिश्तेदारों को इसकी सूचना दी। जब वे लोकेशन वाले स्थल पर पहुंचे तो उच्चके को भनक लग गई कि लोग उसकी खोज में आए हुए हैं तो उसने अपना मोबाइल बंद कर निकल गया।
ऐसे कई मामले हैं, जो पुलिस तक पहुंचते ही नहीं है। लेकिन घटनाएं आए दिन होते रहती है। कभी चंडी प्रखंड के जैतीपुर से तो कभी लालगंज से तो कभी दस्तूरपर, गोखुलपुर, राजनविगहा तो कभी हिलसा रोड में मोबाइल,जेवर आदि की छिनतई होती रही हैं।
लोग मोबाइल चोरी, छिनतई की घटना पर चुप रह जाते हैं। उनपर कोई लिखित शिकायत थाने में नहीं करते हैं। जिस कारण उच्चके पकड़ में नहीं आते और उनके हौसले बुलंद रहते हैं।
लोगों का कहना है कि चंडी बाजार सहित अन्य इलाके में बहुत सारे संदिग्ध बाइक सवार नजर आते रहते हैं।ये वही होते हैं जो मौका देखकर चौंका लगा जातें हैं।
गौरतलब रहे कि दो माह पूर्व चंडी के जाने-माने चिकित्सक डॉ रामवृक्ष प्रसाद की पत्नी की सोने की चेन छपटकर पटना की तरफ फरार हो गए थे।
ऐसे पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन ज्यादातर मामले पुलिस पास आते ही नहीं है।
जानकार लोगों का कहना है कि चंडी थाना क्षेत्र में मोबाइल छिनतई और आभूषण छप्पटा मार में स्थानीय लोग नहीं होते हैं, उनके सामने पकड़े या पहचान जाने का संकट होता है। ये ज्यादातर उच्चके पटना की ओर से आते हैं, कुछ दुकानों की रेकी करते हैं और मौके की तलाश में रहते हैं।
वैसे वे अकेले नहीं होते हैं। एक एक बजाप्ता गैंग होता है, जो दो या तीन बाइक के साथ चार से पांच लोग होते हैं। घटना को अंजाम देकर ये सीधे रास्ते का प्रयोग नहीं करते हैं, बल्कि लूप लाइन की तरह निकल लेते हैं। ऐसे लोग चप्पे-चप्पे से वाकिफ होते हैं।
नालंदा दर्पण लोगों से अपील करता है कि सड़क पर चलते हुए मोबाइल फोन को हाथ में प्रदर्शनी नहीं बनाएं, जरूरत के अनुसार ही सड़क पर मोबाइल से बातें करें। सतर्क रहें!
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