अन्य
    Saturday, December 14, 2024
    अन्य

      प्रधान शिक्षक की काउंसेलिंग पर लगी रोक, DPO ने अभ्यर्थी को बताया संदेहास्पद

       “नालंदा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा अभ्यर्थी को संदेहास्पद करार दिए जाने से मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब सभी की निगाहें इस मामले पर प्रशासनिक जांच कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या क्रांति कुमार को न्याय मिलेगा या इनका यह मामला वाकई गंभीर है, जिसकी भी पड़ताल की जरुरत है?

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ नगर स्थित डीआरसीसी कार्यालय दीपनगर में आयोजित प्रधान शिक्षक पद के लिए काउंसेलिंग में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया। नूरसराय प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय परासी के शिक्षक क्रांति कुमार को काउंसेलिंग में शामिल होने से रोक दिया गया। इस फैसले से जिले के शिक्षकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

      बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को ज्ञापन सौंपा है। संघ ने इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है।

      शिक्षक क्रांति कुमार का कहना है कि उन्होंने प्रधान शिक्षक की परीक्षा नियमानुसार उत्तीर्ण की है। वे वर्ष 2005 से मध्य विद्यालय परासी में सेवाएं दे रहे हैं और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का आपराधिक मामला नहीं है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र और काउंसेलिंग के लिए निर्धारित स्लॉट के आधार पर वे निर्धारित समय पर पहुंचे थे।

      लेकिन, काउंसलिंग स्थल पर उपस्थित कर्मियों और अधिकारियों ने बिना किसी ठोस कारण के उनकी काउंसलिंग स्थगित कर दी। इतना ही नहीं उन्हें इस निर्णय के बारे में कोई लिखित सूचना भी नहीं दी गई। क्रांति कुमार ने इसे दुर्भावनापूर्ण और अन्यायपूर्ण करार देते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।

      इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) स्थापना आनंद शंकर का कहना है कि शिक्षक क्रांति कुमार को ‘संदेहास्पद’ मानते हुए उनकी काउंसेलिंग पर रोक लगाई गई है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मामले की उचित जांच कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

      इस घटना ने नालंदा जिले के अन्य शिक्षकों में असंतोष और आक्रोश को जन्म दिया है। शिक्षकों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि योग्य और ईमानदार शिक्षकों के मनोबल को भी कमजोर करती हैं।

      जबकि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा अभ्यर्थी को संदेहास्पद करार दिए जाने से मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब सभी की निगाहें इस मामले पर प्रशासनिक जांच कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या क्रांति कुमार को न्याय मिलेगा या इनका मामला वाकई इतनी गंभीर है, जिसकी भी पड़ताल की जरुरत है? यह देखना बाकी है।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      Wildlife and nature zoo safari park in Rajgir, Nalanda, Bihar, India Bihar Sharif covered with red flags regarding Deepnagar garbage dumping yard in nalanda बिहारशरीफ नगर का रमणीक स्थान हिरण्य पर्वत जानें राजगीर ब्रह्म कुंड का अद्भुत रहस्य